उमेश तिवारी
महराजगंज:उत्तर प्रदेश के भारत नेपाल सीमा से सटे सात जिलों में बार्डर पर जहां एक तरफ वाच टावर लगाने की बात कही जा रही है वहीं दूसरी तरफ सीमा से सटे महराजगंज जिले के सोनौली बार्डर पर बना वाच टावर अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है।
बताते चलें कि भारत नेपाल की सोनौली सीमा सबसे अतिसंवेदनशील सीमा के लिए जानी जाती है। इस सीमा से आतंकियों, अपराधियों, देशद्रोही तत्वों के घुसपैठ की आशंका हमेशा बनी रहती है। यही वजह है कि बीते वर्षों में इस सीमा पर बार्डर की निगहबानी के लिए सोनौली पुलिस चौकी कम्पाउन्ड में एक वाच टावर बनाया गया। पर इस वाचटावर पर चढ़कर आज तक कोई भी जवान ड्यूटी नहीं किया। वाच टावर पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। वाच टावर का लोहा पूरी तरह से जंग खा चुका है। झाड़ झंखाड़ से घिरे वाच टावर से सीमा की कैसे निगहबानी होगी यह आप लोगों के समझ से परे है। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की आवाजाही भी यहां हमेशा होती रहती है पर इस वाच टावर को देखने का किसी को फुर्सत नहीं रहता है।
बता दें कि अभी दो दिन पहले एडीजी अखिल कुमार ने अपने बयान में कहा था कि सुरक्षा को देखते हुए उत्तर प्रदेश से सटे भारत नेपाल सीमा के सात जिलों में बार्डर पर वाच टावर लगाए जाने हैं।
वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश से सटी 570 किमीमीटर सीमा में 30 थाने पड़ते हैं। भारत नेपाल में आने जाने के लिए करीब 300 पगडंडिया हैं। इन रास्तों से घुसपैठ की आशंका हमेशा बनी रहती है।
डेढ़ साल में पकड़े गए हैं 14 घुसपैठिए
नेपाल सीमा के सोनौली चेकपोस्ट पर पिछले डेढ़ साल में घुसपैठ करने के के प्रयास में 14 विदेशी नागरिक पकड़े जा चुके हैं। आरोपित नागरिक अमेरिका, रूस,इटली, उज्बेकिस्तान, ईरान, अफगानिस्तान व बर्मा के रहने वाले थे। ये लोग वैध दस्तावेज न होने के बाद भी नेपाल के रास्ते भारत में घुसने का प्रयास कर रहे थे।
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