आनंद गुप्ता
महराजगंज: रायबरेली नगर के लब्ध प्रतिष्ठित विद्यालय सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर कॉलेज में मुख्य अतिथि रहे पूर्व सैन्य अधिकारी देवेन्द्र बहादुर सिंह सम्प्रति सह जिला संघचालक आरएसएस रायबरेली ने छात्र छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि पूर्व कालखण्ड में सनातन अनुयाइयों में छुआछूत न था।
परन्तु विधर्मियों एवं अंग्रेजो के आक्रमण के पश्चात भेद भाव एवं छुआ छूत की परम्परा आरम्भ हुई। भीमराव का जीवन काफी कष्टों में बीता परन्तु फिर भी उन्होंने जीवन के अन्त तक धैर्य रखा। जब तत्कालीन हिन्दुत्व के पुरोधा जनों में संवेदना न जगी तब उन्होंने सनातन की दूसरी धारा बौद्ध धर्म में 14 अक्टूबर 1956 को दीक्षा ली।
कुछ ही समय लगभग डेढ़ माह बाद 06 दिसम्बर 1956 को उनका गोलोकगमन हुआ। उनके जीवन के कष्ट की अनुभूति से स्पन्दित होते हुए हम सभी को यह संकल्प लेना चाहिए कि है सर्व मानव जाति में ईश्वर का आभास करेंगे और किसी भी व्यक्ति में उसकी जाति या धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करेंगे। इस अवसर पर उन्होंने बैशाखी के दिन 13 अप्रैल 1919 के जलियांवाला बाग नरसंहार का स्मरण किया उनके आह्वान पर कजतर छात्राओं एवं समस्त विद्यालय परिवार ने खड़े होकर दो मिनट का मौन रखकर उन शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
विशिष्ट अतिथि पूर्व प्राचार्य राम प्रताप सिंह ने भैया बहनों को डॉ अम्बेडकर के जीवन से सम्बन्धित अनेक दृष्टांत साझा किए। रफा, खुशी सिंह, रिया सिंह, अर्चिता तिवारी, रिचा सिंह, एवं सत्यांश गुप्ता आदि ने डॉ अम्बेडकर के जीवन से सम्बन्धित कई शिक्षाप्रद पहलुओं को स्पर्श कर छात्र छात्राओं का उत्साहवर्धन किया। विद्यालय के उप प्रधानमन्त्री छात्र अश्वनी अवस्थी ने राष्ट्रीय भावना से ओत प्रोत गीत गाकर एवं छात्रा अर्चिता व अंशिका वर्मा ने कविता पाठ से सभी आकर्षित किया।
वैशाखी पर्व पर शिवानी एवं अर्श प्रीत ने अपने विचार प्रस्तुत करते हुए खालसा पंथ की सर्जना का भी मार्मिक चित्रण किया। कार्यक्रम का सफल सञ्चालन कक्षा एकादश की गरिमा ने किया। अन्त में प्रधानाचार्य वीरेन्द्र वर्मा ने सभी का आभार व्यक्त किया।
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