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जीवन में नम्रता के बाद आती है सफलता:कथा वाचिका देवी सत्यार्चा



रजनीश/ ज्ञान प्रकाश 

करनैलगंज(गोंडा)। करनैलगंज के गाड़ी बाजार में चल रहे श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुट रही है। श्री वृन्दावन धाम से पधारी कथा वाचिका देवी सत्यार्चा ने कहा कि किसी भी परिवार को चलाना आसान नही होता। चाहे वह छोटा हो या बड़ा। 


जब कोई व्यक्ति अपना अपना देखता है तो घर विखर जाता है। जब दूसरों को भी साथ रखकर चलता है तो घर स्वर्ग बन जाता है। बाल्यकाल में जो संस्कार मिलते हैं वो जीवन पर्यन्त रहते है। जीवन में हमेशा सफलता नम्रता के बाद आती है, इसलिए इंसान को घमंडी नहीं, विनम्र होना चाहिए। 


उन्होंने कहा कि वन गमन के समय गंगा नदी पार करने के लिए भगवान राम को विवश होकर केवट से चरण धुलवाने पड़े। भगवान चाहते तो नदी पार कर सकते थे मगर केवट की बात मानना व उसका मान भी रखना था। उन्होंने श्रोताओं से कहा कि जब हम अपने जीवन मात्र में अपने योगदान के बारे में देखेंगे और भगवान श्री कृष्ण व श्रीराम पर दृष्टिगत करेंगे तो अनुभव करेंगे कि अपने जीवन में हमारा योगदान शून्य है, हम सभी को अपनी योग्यता बढ़ानी होगी। 


विषम परिस्थितियों में कष्टों को झेलने को देखने का प्रयास करना चाहिए। श्रेष्ठता प्राप्त करने का यह प्रथम सोपान है। प्रतिदिन समय निकाल कर मंदिर में अवश्य जायँ, आरती में शामिल हों, यही भगवान को पाने का स्थान है। भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का कार्यक्रम था। भारी संख्या में महिलाओं व श्रद्धालुओं ने भगवान के जन्मोत्सव को धूमधाम से मनाया।


 खिलौने, बिस्कुट, टॉफी व गेंद व गुब्बारे बांटे गए। पूरे पंडाल को दुल्हन की तरह सजाया गया। कथा में गज और ग्राह की कथा सुनाई गई। भगवान ने ग्रह का उद्धार किया और गज को बैकुंठ लेकर गए उसके बाद समुद्र मंथन की कथा के उपरांत भगवान बामन बलि के द्वार पर पहुंचे। सूर्यवंशी राजाओं की कथा जैसे हरिश्चंद्र की कथा और श्री राम के चरित्र का बखान हुआ। भगवान श्री कृष्ण का जन्म उत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया गया।

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