पं श्याम त्रिपाठी / बनारसी मौर्या
नवाबगंज गोण्डा। क्षेत्र के महंगूपुर गाँव में चल रही श्रीमद देवी भागवत कथा के तीसरे दिन कथा व्यास पं राजेश शास्त्री ने जीवो की उतपत्ति व उद्धार प्रसंग का वर्णन किया. कथा व्यास ने कहा की भगवती पार्वती गिरिराज से कहती हैं की गर्भस्थ शिशु को अपने पूर्व के सभी कर्मो का पूर्ण ज्ञान होता है और वह पूर्व के पाप कर्मो को याद कर दुखी होता है विनती कर्ता है की संसार में जाकर वह अपने को सदकर्मो से जोड़ेगा किन्तु जन्म लेते ही माया के वशीभूत हो सब भूल जाता है.और संसार के विषय भोग में रत रहता है. इस प्रकार वह यह जन्म भी निरर्थक कर लेता है और 84 भोग में फंस जाता है.
ऐसे जीव का उद्धार नहीं होता.सद्गति के लिए सदकर्म ही साधन हैं. कथा व्यास ने बालको में संस्कार डालने के लिए लोगो को प्रेरित किया. कथा में संदीप पाण्डेय लल्लू, जुलुआ, योगेश चंद्र पाण्डेय, मुट्टूर पाण्डेय, मिथलेश पाण्डेय, तरुण चंद्र, प्रशांत पाण्डेय आदि लोग शामिल रहे।
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