अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर में 6 अप्रैल, 2023 को शहर के अग्रेंजी माध्यम विद्यालय पॉयनियर पब्लिक स्कूल एण्ड कॉलेज, बलरामपुर में ‘‘श्री हनुमान जन्मोत्सव‘‘ मनाया गया। विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक डा0 एम0पी0 तिवारी ने भगवान श्रीराम दरबार एवं श्री हनुमान जी के चित्र पर माल्यापर्ण करके आरती पूजा एवं आराधना किया । उन्होंने बताया कि ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार हनुमान जी का जन्म आज से लगभग एक करोड़ पचासी लाख उनसठ हजार एक सौ तेरह वर्ष पहले मंगलवार के दिन चैत्र पूर्णिमा को मेष लग्न और चित्रा नक्षत्र में प्रातः 6ः03 बजे एक गुफा मे हुआ था। यह गुफा भारत के झारखंड राज्य में स्थित छोटे से जिले गुमला के अंजन नामक छोटी पहाड़ी ग्राम में स्थित है।
हनुमान जी के पिता का नाम केसरी था, उन्हें केसरी नंदन कहा जाता है। पवन देव के मुंह बोले पुत्र होने की वजह से मारूति नंदन भी कहा जाता है। महाबली हनुमान जी को महावीर नाम से जाना जाता है। सभी संकट से पार लगा देते है, इसलिए संकट मोचन कहा जाता है। हनुमान जी को बालाजी और हनुमत नाम से भी जाना जाता है।
शास्त्रों के अनुसार श्री हनुमान जी का जन्म केवल श्री राम की भक्ति और उनके कार्यो को कार्यान्वित करने के लिए हुआ था। हनुमान जी की हर साँस में केवल श्रीराम का ही स्मरण होता है। एक प्रसंग के अनुसार विभीषण ने श्री हनुमान जी को ताना मारते हुए अपनी भक्ति प्रदर्शित करने को कहा-तो श्रीराम की सभा में हनुमान जी ने अपना सीना चीर कर भगवान श्री राम और माता जानकी के दर्शन अपने सीने मे कराकर अपने सच्ची भक्ति का उदाहरण दिया था।
सर्वप्रथम विद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा श्री हनुमान चालीसा पढ़ा गया। तत्पश्चात् वीर हनुमाना अति बलवाना नामक गीत पर एक समूह नृत्य प्रस्तुत हुआ जिसमें वर्णित एवं अभ्युदय ने श्री हनुमान का अभिनय किया तथा आशी, यशी, श्रृष्टि एवं आरोही ने बहुत ही सुन्दर एवं आकर्षक ढंग से प्रस्तुत किया । विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक डा0 तिवारी ने इस कार्यक्रम को देखकर समस्त छात्र-छात्राओं की सराहना किया एवं बताया कि हमें प्रतिदिन श्री हनुमान जी की पूजा आराधना करनी चाहिए, जिससे हम सभी लोगों को बुद्धि एवं बल की प्राप्ति हो।
इस अवसर पर उप प्रधानाचार्य आशुतोष पाण्डेय, संतोष श्रीवास्तव, शिखा पाण्डेय अध्यापकगण राघवेन्द्र त्रिपाठी (एक्टीविटी इंचार्ज) सहित समस्त अध्यापक अध्यापिकाएं तथा छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
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