वेदव्यास त्रिपाठी
प्रतापगढ़। जिलाधिकारी डा0 नितिन बंसल ने कल देर सायंकाल विकास भवन के सभागार में जनपद में गौ आश्रय स्थलों में भूसा संग्रह, गो संरक्षण एवं भरणपोषण हेतु अधिकारियों के साथ समीक्षा की। समीक्षा के दौरान मुख्य विकास अधिकारी ईशा प्रिया, अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) त्रिभुवन विश्वकर्मा, परियोजना निदेशक डीआरडीए आर0सी0 शर्मा, समस्त उपजिलाधिकारी, खण्ड विकास अधिकारी, उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, पशु चिकित्साधिकारी, समस्त अधिशासी अधिकारी नगर पालिका/नगर पंचायत उपस्थित रहे।
जनपद में गो संरक्षण से सम्बन्धित आयोजित समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी ने जनपद के सभी विकास खण्डों में संचालित गो आश्रय स्थलों की संख्या, संरक्षित गोवंशों की संख्या, भरणपोषण की स्थिति, चारे की उपलब्धता, संरक्षित गोवंशों का स्वास्थ्य, सहभागिता योजनान्तर्गत सुपुर्द किये गये गोवंशों की संख्या, गोवंशों का टीकाकरण एवं स्वास्थ्य परीक्षण आदि से सम्बन्धित बिन्दुवार जानकारी सम्बन्धित विकास खण्डों के खण्ड विकास अधिकारियों एवं पशु चिकित्साधिकारियों से प्राप्त करते हुये गहन समीक्षा की एवं आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये।
बैठक के दौरान खण्ड विकास अधिकारी लालगंज अनुपस्थित पाये गये एवं विकास खण्ड लालगंज में छुट्टा पशु क्षेत्रों में घूमते हुये पाये जाने के प्रकरण पर जिलाधिकारी ने अप्रसन्नता व्यक्त करते हुये खण्ड विकास अधिकारी लालगंज को कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्देश दिया।
जिलाधिकारी ने निर्देशित करते हुये कहा कि गौशालाओं के जितने भी आस-पास के गांव है वहां के ग्राम प्रधान, ब्लाक प्रमुख एवं सम्बन्धित के साथ बैठक कर लें जिससे यह पता चल सके गोवंशों हेतु एक वर्ष में कितने भूसे संरक्षित किये जाये। गौ संरक्षण केन्द्रों में एक वर्ष का भूसा रखने हेतु समस्त व्यवस्थायें सुनिश्चित करें।
जिलाधिकारी ने कहा कि शासन के निर्देशानुसार भूसा संग्रह हेतु वृहद अभियान चलाया जाये जिससे जनपद के सभी गौशालाओं में 20 मई तक भूसा संग्रह का कार्य शत् प्रतिशत पूर्ण कर लिया जाये। समस्त खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि सभी ग्राम प्रधान अपने स्तर से ग्राम पंचायतों के लोगों से गौशालाओं हेतु भूसा दान करायें।
जिलाधिकारी ने समस्त उपजिलाधिकारी एवं खण्ड विकास अधिकारी को निर्देशित करते हुये कहा कि जो चारागाह की जमीनें पड़ी हुई है वहां पर हरे चारे की बुवाई करा दी जाये और हरा चारा खत्म न होने पाये इसकी भी व्यवस्था देख ली जाये। जिलाधिकारी ने उपजिलाधिकारी को निर्देशित करते हुये कहा कि लेखपाल द्वारा यदि चारागाह की जमीन पर कोई संज्ञान नही लिया जाता है और यदि हरे चारे की बुवाई नही हुई तो लेखपाल के विरूद्ध निलम्बन की कार्यवाही की जाये।
उन्होने निर्देशित किया कि गोवंशों के भरणपोषण एवं संरक्षण में किसी भी तरह की लापरवाही कदापि न बरती जाये तथा समय-समय पर गोवंशों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जाये। गर्मी से बचाव के लिये टीन शेड को व्हाइट पेन्ट से पेन्ट किया जाये जिससे जानवरों को गर्मी से बचाया जा सके।
गौ संरक्षण केन्द्रों में वृक्षारोपण किया जाये जिससे जानवरों को छाया प्राप्त हो सके और ऐसे पेड़ लगाये जाये जो जल्द बड़े हो सके। बैठक के दौरान यह पाया गया कि मुख्य पशु चिकित्साधिकारी द्वारा गौ संरक्षण केन्द्रों के कार्यो में रूचि नही ली जा रही है जिस पर जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुये मुख्य पशु चिकित्साधिकारी के खिलाफ कार्यवाही हेतु शासन को पत्र लिखने हेतु निर्देशित किया।
जिलाधिकारी ने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित किया कि पशुओं की जियो टैगिंग का कार्य शत् प्रतिशत पूर्ण किया जाये और पशुओं की बीमारी हेतु दवा की उपलब्धता भी सुनिश्चित करायी जाये। जिलाधिकारी ने अन्त में सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि जनपद में संचालित गो-आश्रय स्थलों का सुचारू रूप से सफल संचालन करायें, लापरवाही कदापि न बरती जाये अन्यथा सम्बन्धित अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी, सभी अधिकारी अपने-अपने दायित्वों/कार्यो को शत् प्रतिशत निर्वहन करें।
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