वेदव्यास त्रिपाठी
प्रतापगढ़:विश्व विरासत दिवस पर प्राकृतिक संसाधनों (जल एवं वृक्षों) को पुरखों के विरासत के रूप में संरक्षित करने हेतु किया गया प्रेरित।प्रतापगढ़ के मान्धाता ब्लॉक के बोझी गांव में संरक्षित ऑक्सीजन बैंक (पीपल का पेड़) की एक भारी भरकम डाल कल रात लगभग 08 बजे डॉ सत्य नारायण गुप्ता के मकान की छत पर गिरी।
घटना से सभी लोग सहम गए और लगा कि मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो जाएगा,किन्तु प्रकृति देव की ऐसी माया कि घटना से किसी प्रकार की कोई जान-माल को कोई नुकसान नहीं हुआ और सभी सुरक्षित हैं।पर्यावरण सेना के साथी लाल कुमार गुप्ता की सूचना को गंभीरता से लेते हुए पर्यावरण सेना प्रमुख अजय क्रांतिकारी ने घटना की जानकारी प्राप्त की तो पता चला कि प्रकृति देवी एवं वृक्ष देव की कृपा से सभी लोग सुरक्षित हैं इतनी बड़ी घटना के बावजूद भी किसी को कोई क्षति या नुकसान नहीं हुआ।
इससे सिद्ध होता है कि वृक्षों के प्रति हमें सकारात्मक भाव रखते हुए उनकी रक्षा करते हुए प्रकृति के साथ रहना ही श्रेयकर है।पर्यावरण सेना प्रमुख एवं पर्यावरणविद् अजय क्रांतिकारी ने कहा कि वृक्षों से हमें सदा लाभ ही लाभ है।चाहे वह पर्यावरण संरक्षण के रूप में या प्राणवायु के रूप में अप्रत्यक्ष लाभ।उन्होंने कहा कि प्रकृति सबकी रक्षा करती है।
हमें प्रकृति के करीब रहकर उसकी रक्षा करते हुए धरती को प्रदूषण से बचाना होगा।पीपल जैसे वृक्षों को पर्यावरण सेना के साथ ऑक्सीजन बैंक के रूप में संरक्षित कर रही है।हम सभी को हरित जीवन के लिए वृक्षारोपण के साथ ही पर्यावरण की सुरक्षा का कार्य करते हुए धरती को जलवायु परिवर्तन के खतरे से बचाना होगा।
आगे उन्होंने विश्व विरासत दिवस की चर्चा करते हुए अपने पुरखों द्वारा प्राप्त प्राकृतिक संसाधनों को उनकी विरासत के रूप में संरक्षित करने हेतु प्रेरित किया।
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