अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर में 6 अप्रैल को एमएलके पीजी कॉलेज के बीएड विभाग द्वारा पुस्तक समीक्षा विषय पर संभाषण डॉक्टर गौरव तिवारी, एसोसिएट प्रोफेसर, हिंदी विभाग, बुध स्नातकोत्तर महाविद्यालय कुशीनगर के द्वारा प्रस्तुत किया गया ।
डॉ तिवारी ने दो किताबें आत्मानुभूति और उसके मार्ग स्वामी विवेकानंद द्वारा लिखित तथा दूसरी पुस्तक प्रथम एवं अंतिम मुक्ति जे कृष्णमूर्ति द्वारा लिखित पुस्तक की समीक्षा पुस्तक समीक्षा के विभिन्न घटकों के माध्यम से किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि प्रोफेसर जे पी पांडे ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ किया । साथ में मुख्य वक्ता, विभागाध्यक्ष डॉ राघवेंद्र सिंह डॉ श्री प्रकाश मिश्र एवं डॉ राम रहीस सहित महाविद्यालय के अध्यापकों सहित छात्र छात्राएं उपस्थित रहे ।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता ने पुस्तक समीक्षा हेतु तीन प्रमुख सिद्धांत को बताया जिसमें दृष्टिकोण ,मानसिक बौद्धिक स्तर एवं अध्ययन की गहराई का होना आवश्यक बताया।साथ में वर्तमान सामाजिक जीवन शैली में सहजता सरलता और आनंद की अनुभूति कैसी हो इस पर भी प्रकाश पुस्तक समीक्षा के क्रम में डाला गया ।
इसमें स्वामी विवेकानंद जी के विचारों एवं उपदेशों को आत्मसात कैसे किया जाए पुस्तक में जिस रूप में लिखा है उस रूप में समीक्षा प्रस्तुत करने का कार्य डॉक्टर तिवारी जी ने किया। कार्यक्रम के पश्चात डॉ तिवारी ने छात्रों के द्वारा वर्तमान में रामचरितमानस पर उठाएं हुए प्रश्नों के साथ अन्य पुस्तकों की समीक्षा पर विविध प्रश्न का यथोचित उत्तर दिया ।
मुख्य वक्ता ने स्त्री विमर्श पर सूरसागर, कवितावली और रामचरितमानस का उदाहरण प्रस्तुत किया जिसमें उस समय से वर्तमान सामाजिक दशा को आधुनिकता से जोड़ते हुए बताया कि भारतीय समाज में संस्कृति में स्त्रियों का स्थान हमेशा उच्च रहा है । कार्यक्रम के समापन में विभागाध्यक्ष राघवेंद्र सिंह एवं डॉ राम भाई द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया ।
इस अवसर पर सीमा सिन्हा, अविनाश मिश्रा, अमित शुक्ला, आलोक त्रिपाठी, विशाल गुप्ता एवं छात्र छात्राएं उपस्थित रहे । कार्यक्रम के बीच में ही बीएड के छात्रों द्वारा शैक्षिक यात्रा पर रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए एक वीडियो का प्रदर्शन किया गया जो छात्रों के लिए काफी ज्ञानवर्धक रहा ।
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