ठोकिया से मुठभेड़ के दौरान लगी थी गर्दन और हाथ के गदोरी में गोली
गंभीर रूप से घायल नवेन्दू ने मौत को भी दिया था मात
उमेश तिवारी
महराजगंज :दो दशक पहले जब इंडो नेपाल बॉर्डर पर अपराधियों का बोलबाला था तब असद का एनकाउंटर करने वाले नवेन्दु कुमार नवीन सोनौली बॉर्डर पर चौकी प्रभारी के पद पर तैनात थे।
शुरू से अपराध और अपराधियों के खिलाफ उनके तेवर कड़े ही रहे। उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी अतीक के बेटे और शूटर गुलाम का एनकाउंटर कर एसटीएफ के इस जाबांज अधिकारी ने बता दिया कि अपराध करने वाले कभी बच नहीं सकते।
इस जांबाज अधिकारी के पिछले इतिहास पर नजर डालें तो इनकी जांबाजी का कोई जोड़ नहीं।
बताते चलें कि 22 जुलाई 2008 को बीहड़ में ठोकिया गिरोह से मुठभेड़ में एसटीएफ के 6 जवान शहीद हुए थे । इस मुठभेड़ में एक मुखबिर भी मारा गया था । इस घटना को लेकर लखनऊ से दिल्ली तक हड़कंप मचा हुआ था।
लेकिन ठीक एक साल बाद 4 अगस्त 2008 को पुलिस को जानकारी मिली कि ठोकिया 20 लोगों के गैंग के साथ चित्रकूट के कर्वी इलाके में बड़ी घटना को अंजाम देने वाला है। विना किसी देरी के सिलखोरी के जंगल में ठोकिया को एसटीएफ की टीम ने घेर लिया।
शाम सात बजे दोनों तरफ से गोलीबारी शुरू हो गई और रात ढाई बजे तक मुठभेड़ चली जिसमें ठोकिया मारा गया । पर इस मुठभेड़ में एसटीएफ का यह जांबाज अधिकारी गर्दन और हाथ की गदोरी में गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गया ।
उपचार के लिए हेलीकॉप्टर से उन्हें तत्काल दिल्ली ले जाया गया जहां डाक्टरों के अथक प्रयास से उन्हें जीवनदान मिला। इस मुठभेड़ का नेतृत्व तब के एसटीएफ के एसएसपी अमिताब यश ने किया था।
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ