कमलेश
धामपुर बिजनौर:मंगलवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र धामपुर जनपद बिजनोर में विश्व मलेरिया दिवस मनाया गया।प्रभारी चिकित्सा अधिकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र धामपुर डॉ0बी0के0स्नेही ने सभी कर्मचारियों और मरीजों को इससे बचने की शपथ दिलाई ।जिसमे सभी लोगों ने शपथ ली कि --- मैं संकल्प लेता हूं कि मैं पूर्ण समर्पण की भावना से भारत से मलेरिया को जड़ से समाप्त करने में पूरा योगदान दूंगा ।
मैं अपने घर के आस-पास कूड़ा व पानी जमा नहीं होने दूंगा ।अपने गली मोहल्ले को साफ रखने में सहयोग दूंगा। मच्छर के काटने से बचने के लिए शाम को पूरी वाह के कपड़े पहन लूंगा और सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करूंगा ।अपने घर में कीटनाशक का छिड़काव करवाने में सरकार का सहयोग करूंगा।
बुखार होने पर तुरंत जांच और पूरा इलाज करवा लूंगा ।हम सबने ठाना है, मलेरिया को मिटाना है ।इस दौरान डॉ0स्नेही ने बताया कि विश्व मलेरिया दिवस प्रत्येक वर्ष 25 अप्रैल को मनाया जाता है। यह दिन इस बात के लिए भी पहचाना जाता है कि मलेरिया के नियंत्रण हेतु किस प्रकार के वैश्विक प्रयास किए जा रहे हैं। मच्छरों के कारण फैलने वाली इस बीमारी में हर साल कई लाख लोग जान गवाँ देते हैं।
'प्रोटोजुअन प्लाज्मोडियम' नामक कीटाणु मादा एनोफिलीज मच्छर के माध्यम से फैलते है।पूरे विश्व की 3.3 अरब जनसंख्या में लगभग 106 से देश हैं जिनमें मलेरिया का खतरा है वर्ष 2012 में मलेरिया के कारण लगभग 6,27,000 मृत्यु हुई जिनमें से अधिकतर अफ्रीकी, एशियाई, लैटिन अमेरिकी बच्चे शामिल है।इसका प्रभाव कुछ हद तक मध्य पूर्व तथा कुछ यूरोप के भागों में भी हुआ।
विश्व मलेरिया दिवस उन 8 आधिकारिक वैश्विक सामुदायिक स्वास्थ्य अभियानों में से एक हैं ।इस वर्ष की थीम है शून्य मलेरिया दुनिया के लिए निवेश,नवाचार ओर कार्यान्वयन करने की अपील की जा रही है। इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य है कि लोगों को मलेरिया बीमारी के प्रति जागरूक किया जाए।
डॉ0स्नेही ने बताया कि 2030 तक देश से मलेरिया को जड़ से खत्म करने के लिए स्वास्थ विभाग द्वारा मलेरिया टेस्टओं की संख्या बढ़ाई गई है, फिर भी केस निकल रहे हैं ,लेकिन जब से विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान और दस्तक अभियान शुरू हुए हैं ,केसों की संख्या में काफी गिरावट दर्ज की गई है।।
डॉ0स्नेही ने बताया कि मलेरिया बुखार को हल्के में ना लें। कोई भी बुखार जानलेवा हो सकता है। मलेरिया के मुख्य लक्षण निम्नवत हैं ।सिर में तेज दर्द होना। उल्टी होना जी मत लाना। ठंड के साथ जाड़ा कपकपी होना और कुछ देर बाद सामान्य हो जाना। कमजोरी और थकान महसूस होना ।शरीर में खून की कमी होना। मांसपेशियों में दर्द होना।
बुखार उतरते समय पसीना आना। मलेरिया का सही और पूरा उपचार अवश्य ले।इस दौरान डॉ0अंकित कुमार, डॉ0प्रगति ,शीशराम एनएमए, संदीप गहलोत, रविंदर यादव,राहुल कुमार,अंकित कुमार,बीसीपीएम प्रीति सागर,बीपीएम मनीष कुमार,अमित विश्नोई फार्मासिस्ट,महिपाल वार्ड बॉय आदि उपस्थित रहे।
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