दिनेश कुमार
गोंडा। डीएम व एसडीएम के निर्देश का पालन न करके यहां के रसूखदार लेखपाल तो अपनी मनमर्जी व सुविधा शुल्क के आधार पर सम्पूर्ण समाधान दिवस का निस्तारण करते है। जबकि सरकार व डीएम का फरमान है कि गुणवत्ता परक निस्तारण हो। लेकिन मनकापुर में ऐसा नहीं हो रहा है।
मामला तहसील मनकापुर के रसूखदारदार लेखपाल प्रेमशंकर से जुडा है। जिनके पास टाउन के अलावा ऐसे तमाम गांवो का चार्ज है जहां से अधिक से अधिक रूपये की वसूली हो सके।इसी कारण से ये इस तहसील में कई वर्षो से जमें हुए हैं।
मामला मनकापुर की एक जमीन से जुडा हुआ है। पीडित विनोद का आरोप है कि अपनी मांके नाम से एक किता जमीन बैनामा करा रखा था। लेकिन दंबग उन्हें परेशान कर रहे थे।
इसी मामले को लेकर दिनांक 04 मार्च 2023 को पीडित ने सम्पूर्ण समाधान दिवस की अध्यक्षता कर रहे मुख्य राजस्व अधिकारी को शिकायती पत्र देकर शिकायत दर्ज कराया जिसमें आरोप लगाया कि गाटा संख्या-664 में 08 डिस्मिल जमीन का बैनामा विक्रेता राम विलास ने अमरलाल सोनकर के पक्ष में 31 दिसम्बर 2006 में कर दिया था।उसी भूमि का बैनामा पुनःएक साजिश के तहत भू माफियाओं की सांटगांठ से 16 विस्वा जमीन दोबारा कराया गया जबकि उक्त जमीन पहले ही वर्गफुट में आवासीय दर पर कुछ लोगो को की जा चुकी थी।
लेकिन तथ्यों को छुपा कर सरकारी स्टाम्प चोरी करने के इरादे से उसे आवासीय न दिखाकर सम्पूर्ण अंश 16 डिस्मिल दिखाकर बाराबंकी के एक व्यक्ति के नाम बैनामा लिखाकर दाखिल खारिज 16 डिस्मिल जमीन का करा लिया गया।
एक जमीन का एक नही कई बार एवं कई लोगो को पहले आवासीय प्लाट दिखा कर बैनामा किया गया था। फिर उसी भूमि को कृषि दिखा कर बैनामा कराया गया। पीडित ने क्रेता ,गवाह आदि के खिलाफ जांच एवं प्राथमिकी दर्ज कराने की मांग किया । शिकायत को गंभीरता से सुनने के बाद मुख्य राजस्व अधिकारी गोन्डा ने एसडीएम व एस एच ओ को जांच करके कार्यवाई करने का निर्देश दिया।
चौकाने वाले तथ्यः
एसडीएम को मिली जांच को एसडीएम आकाश सिंह ने न करके लेखपाल प्रेमशंकर ही एसडीएम बन गये। काफी दिन तक शिकायती पत्र को अपने पास रखे रहे। इसके बाद पीडित /शिकायत कर्ता को अपने आवास पर बुलाकर बैनामा संबंधी सब पेपर लेने के बाद रिपोर्ट लगाया और कहा कि आप आवेदक है शिकायत का निस्तारण होना है। जो आख्या लगी है आप पढ लीजिये और संतुष्ट होने पर हस्ताक्षर बना दीजिये। शिकायत कर्ता ने हस्ताक्षर बनाया और जो निस्तारण आख्या लेखपाल प्रेमशंकर ने लिखा उसकी फोटो कापी लेकर अपने घर चले आये।और सरकारी बेबसाइट पर आख्या अपलोड होने का इंतजार करते रहे।
गजब का खेल लेखपाल ने कियाः
शिकायत कर्ता को जो कापी दिया उस पर कुछ दूसरी रिपोर्ट लगायी जो दिनांकि 30 मार्च 2023 है। उसे अपने पास रखे रहे । समय सीमा के अंदर शिकायत का निस्तारण भी नही किया। बाद में जो खेल खेला पूरे तहसील प्रशासन को चौकाने वाला है। 20 दिन तक शिकायत कम्पयूटर पर अपलोड न कराकर बीस दिन बाद दूसरी आख्या मनमुताबिक लगाया और उस पर शिकायत कर्ता का हस्ताक्षर भी न कराकर 20 अप्रैल 2023 की आख्या बना कर सोमवार की देरशाम तहसील में अपलोड कराकर इतिश्री कर लिया।
पीडित ने जब अपने शिकायत संख्या-3009311000462 दिनाकित 04/03/2023 के निस्तारण की आख्या अपने मोबाइल पर पढा तो भौचक्का रह गया।इस प्रकार के कारनामे में माहिर लेखपाल ने पूरे तहसील में सनसनी फैला दिया है। वही पीडित विनोद कुमार का कहना है कि इस प्रकार की फर्जी आख्या एवं जालसाजी के मामले कै लेकर एसडीएम,डीएम,आयुक्त,राजस्व परिषद तथा प्रदेश के सीएम से मिलकर ऐसे जालसाज लेखपाल की करतूतो को बताते हुए न्याय की गुहार लगाऊंगा।
गैर जनपद के लोगो का फर्जी निवास बनाकर कीमती जमीनों का सौदा कर पट्टा पत्रावली बना कर पट्टा करने का आरोप भी हैः
बताते चले कि क ई बर्षो से जमे लेखपाल प्रेमशंकर आर्य पर संगीन आरोप यह भी है कि कस्बा मनकापुर में सरकार की कीमती भूमि को रूपये लेकर तमाम लोगो को फर्जी पट्टा दे दिया गया है। हाल यह है कि तमाम ऐसे लोगो को आवासीय पट्टै इनकी सांटगांठ एवं पत्रावली तैयार करके लाखो लाख देकर ऐसे लोगो को पट्टा स्वीकृत कराया गया है जो पात्र ही नही थे। गैर जनपद के रहने वाले थे। किराये पर मकान लेकर रहते थे। अथवा अलीशान मकान में रहते थे।
जांच हुई तो करोडो की जमीन का खुलेगा राजः
सूत्र बताते है कि यदि ऐसे लेखपाल के तैनाती क्षेत्र के विभिन्न गांवो के पट्टा पत्रावलियों की जांच हुई तो जांच की आंच तेजी से लगेगी। तहसीलदार परशुराम ने बताया कि यदि शिकायती पत्र लेखपाल के बारे में मिलेगा तो जांच करके उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेजी जायेगी।
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