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मनाया गया गुड फ्राइडे, ईसाई धर्म के लोगों ने की प्रार्थना



आर पी तिवारी

इटियाथोक (गोंडा)जिले के ईसाई धर्मावलंबियों द्वारा शुक्रवार को गुड फ्राइडे मनाया गया। विभिन्न चर्चों में ईसाई धर्मावलंबियों ने प्रार्थना की।जिले के विभिन्न चर्चों में ईसाई धर्मावलंबियों ने पवित्र शुक्रवार को ईसाइयों के दु:ख के रूप में मनाया।आज के इस पावन दिवस में प्रत्येक गिरजाघरों में दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक आराधना की गई। सर्वप्रथम गिरजाघरों में उक्त धर्म के लोगों ने प्रभु यीशु का स्मरण किया।


नगर के बस अड्डे पास स्थित जोशुवा डब्लू ड़ेनिंग मेमोरियल मेथोडिस्ट एपिस्कोपल चर्च में आयोजन के दौरान पादरी जेम्स अब्राहम ने कहा कि गुड फ्राइडे ईसाई समाज का वह पावन पर्व है जिसमें समस्त प्राणियों के पाप क्षमा हेतु परमेश्वर पिता द्वारा अपने इकलौते पुत्र प्रभु यीशु मसीह को मानवीय स्वरूप में अवतरित हुए और प्रभु यीशु मसीह ने समस्त प्राणियों के खातिर अपना निर्दोष लहू बहाकर पाप मुक्त कर दिया। 


इसी वजह से आज के दिवस को गुड माना जाता है और इसे गुड फ्राइडे कहते है। पादरी जेम्स अब्राहम द्वारा प्रभु यीशु मसीह द्वारा सलीब पर से कथित अंतिम सात वाणियो पर मनन एवं उल्लेख किया, जिससे प्रत्येक ईसाई प्रभु यीशु मसीह के पदचिन्हों का अनुकरण करते हुए समाज में भाईचारा, भक्ति, सत्यता, भलाई, क्षमा एवं प्रेम को फैलाने के उद्देश्य से जीवन यापन करें। इस दौरान बच्चों द्वारा प्रभु यीशु मसीह के सलीब पर से कथित अंतिम सात वाणियो पर नाटकीय मंचन प्रस्तुत किया गया। 


फादर ने कहा कि गुड फ्राइडे बलिदान दिवस है। इस दिन धर्मावलंबी व्रत, उपवास, संयम व संकल्प के रूप में मनाते हैं। उन्होंने कहा कि प्रभु यीशु ने इसी दिन संसार की समस्त मानव जाति को सभी प्रकार के पापों से मुक्ति दिलाने हेतु येरूशलम स्थित गुलुम्बा नामक पहाड़ी की क्रूस पर खुशी-खुशी अपने प्राणों को त्याग दिया था। यह दिन ईसाइयों के लिए महत्व का दिन होता है। ईसाई समुदाय के लोग बड़े, बूढ़े, बच्चे व महिलाएं सादे वस्त्र में चर्च आते हैं। इस दिन प्रभु के सात अमृत वचनों का स्मरण किया जाता है। उन्होंने बताया कि गुड फ्राइडे के तीन दिन बाद ईस्टर होता है, जो ईसाई समुदायों में सर्वाधिक प्राचीन उत्सव है। इस दिन प्रभु यीशु पुनर्जीवित हो उठे थे।


फादर ने कहा कि यीशु मसीह प्रेम, त्याग, दयालुता, क्षमा के कारण जन-जन में लोकप्रिय हैं। क्रूस मृत्यु आम मनुष्यों के लिए क्षमा, दया व प्रेम का संदेश समाहित है। इसे हम सभी को अपने जीवन में उतारने की जरूरत है। 


इस अवसर पर रीना अब्राहम, शिलोह, शोभा जैक्शन, शारोन, जायन, अलेक्जेंडर जान, मंजुला, अजय, अंजली, समीर, विनय, शीबा आदि लोग मौजूद रहे।

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