मस्जिदों के आस पास बड़ी संख्या में तैनात रहा पुलिस फोर्स
कमलेश
खमरिया खीरी:धौरहरा क्षेत्र में शुक्रवार को अलग अलग मस्जिदों में माह-ए-रमजान के आखिरी जुमे यानि अलविदा की नमाज अदा की गई। अलविदा की नमाज के साथ ही ईद का इंतजार बेकरारी में बदल गया। अलविदा को ईद की खुशियों की दस्तक भी तस्लीम किया जाता है।
शुक्रवार को क्षेत्र के धौरहरा, ईसानगर, काजीपुर, मितौला, कटौली,संदौरा खुर्द, कोठारपुरवा, समर्दा,ऐरा, मूसेपुर, कटौली,समेत अन्य गांवों में बनी मस्जिदो में नियमानुसार अलविदा की नमाज अदा की गई। वहीं नमाज अदा करते समय मस्जिदों में रोजेदार नमाजियों द्वारा दोनों हाथ उठाकर अल्लाह से मुल्क,कौम और मिल्लत के लिये दुआ के साथ मुल्क में अमन चैन और भाइचारे पर दुआ में खास जोर दिया गया।
इस दौरान नमाज अदा करने के बाद समर्दा में मौलाना अतिउल्लाह खान ने बताया कि अलविदा का अर्थ है किसी चीज का जाना या रुखसत होना। रमजान के सबसे आखिरी जुमे को अलविदा के नाम से पुकारा जाता है, चूंकि उसके बाद कोई जुमा नहीं आता और सीधे ईद आती है। इसलिये आखिरी जुमे को पढ़ी जाने वाली नमाज अलविदा की नमाज कहलाती है। वैसे तो इस्लाम में हर जुमा की अहमियत है,पर रमजान का आखिरी जुमा होने के चलते यह खास हो जाता है। एक तरह से यह इस बात का संकेत भी होता है,कि रमजान का जो एक महीना इबादत के लिये मिला था उसके खत्म होने में चंद दिन ही बाकी है।
सुरक्षा व्यवस्था का जायज़ा लेते रहे थानाध्यक्ष,कोतवाल
शुक्रवार को दोपहर बाद मस्जिदों में अदा की गई अलविदा की नमाज़ के दौरान धौरहरा,ईसानगर,रमियाबेहड़,कटौली,समर्दा समेत अन्य स्थानों पर स्थित मस्जिदों में सुरक्षा व्यवस्था बनाये रखने के लिए डियूटी पर भेजे गए पुलिस फ़ोर्स का सीओ पीपी सिंह,थानाध्यक्ष ईसानगर पंकज त्रिपाठी,धौरहरा कोतवाल विवेक उपाध्याय,खमरिया थानाध्यक्ष शिवाजी दुबे जायज़ा लेते रहे।
इस दौरान वह स्वयं क़स्बा धौरहरा,ईसानगर,समर्दा की मस्जिदों के आस पास बने रहकर चप्पे चप्पे पर नजर बनाए रहे। इस दौरान थानाध्यक्ष पंकज त्रिपाठी ने बताया कि अलविदा की नमाज़ शांतिपूर्ण ढंग से निपट गई। कहीं भी कोई अप्रिय समाचार नहीं मिला है।
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