गाड़ी में मृत गायों का परीक्षण करने पंहुचते पशु चिकित्सा अधिकारी मनकापुर उसके पहले ही गाड़ी गाय सब हुए लापता
पं. बागीश कुमार तिवारी
गोंडा।योगी सरकार के शासनकाल में गायों की संरक्षा के नाम पर दुर्दशा की हद हो गई है। तहसील व विकासखंड मनकापुर अंतर्गत ग्राम सभा इटरौर से गौ संरक्षण के नाम पर पिकअप में भूसे की तरह ठूस ठूस कर पशुओं को विकास विभाग के जिम्मेदारों के साथ ग्राम प्रधान द्वारा नवनिर्मित गौशाला चांदपुर दुर्गा भेजा गया था।रास्ते में किसी कारणवश तीन गोवंश की पिकप में मृत्यु हो गई। और जिम्मेदार अपना पल्लू झाड़ कर बगल हो गए। लेकिन मृत गायों के साथ पहुंची गाड़ी को ग्रामीणों ने इकट्ठा होकर नवनिर्मित गौशाला में बगैर किसी पशु डॉक्टर या जिम्मेदार अधिकारी के ना रहते हुए उतारने से मना कर दिया।और घबराए विकास विभाग के कर्मचारी सहित गाड़ी का ड्राइवर गाड़ी लेकर भागने लगा तो ग्रामीणों ने स्थानीय पुलिस चौकी जिगना बाजार से पुलिस बुलाकर गाड़ी के साथ गायों को बैरीपुर रामनाथ गौसाला लेकर पहुंचे। वहीं इस संबंध में जब वी डी ओ मनकापुर से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मैं आपकी एडीओ पंचायत से बात करता हूं। एडीओ पंचायत ने संवाददाता को बताया कि कुछ मेरे विभाग के कर्मचारी व प्रधान इटरौर द्वारा नवनिर्मित गौशाला चांदपुर दुर्गा के लिए पिकअप में गायों को 10 बजे दिन में भेजा गया था।वहां पर ग्रामीणों ने पिकअप को घेर लिया गायों को उतारने नहीं दिया।पुनः पूछने पर कि आखिर गाय फिर कहां गई तो उन्होंने कहा कि मुझे इसकी जानकारी नहीं है। लेकिन यहां पर प्रश्नचिन्ह लग रहा है, कि एडीओ पंचायत के जवाब पर की सुबह से लेकर के शाम 7:00 बजे तक जिम्मेदारी के पद पर रहते हुए गायों के संरक्षण की जिम्मेदारी निभाने के क्रम में जानकारी ना होना कितना दुर्भाग्य पूर्ण है।वहीं ग्रामीणों ने बताया कि पुलिस की मौजूदगी में हम लोगों ने मृत गायों के साथ रामनाथ गौशाला पहुंचे हैं।जहां पर डॉक्टरों की परीक्षण के बाद गाय गौशाला में डाली जाएंगी लेकिन डॉक्टर के पंहुचने से पहले ही गायों को गाड़ी सहित हटा दिया गया। ऐसे में प्रश्न उठता है कि क्या योगी सरकार के मंसूबों पर स्वयं जिम्मेदार विभाग के कर्मी ही पानी फेर रहे हैं।आखिरी इन तीन मृत गायों का जिम्मेदार कौन है?और उनकी मृत्यु कैसे हुई यह अपने आप में यक्ष प्रश्न बना है।
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