रजनीश/ ज्ञान प्रकाश
करनैलगंज(गोंडा)। करनैलगंज नगर के गाड़ी बाजार मोहल्ले में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह में कथा वाचिका देवी सत्यार्चा ने श्रीमद्भागवत पुराण की कथा सुनाने के साथ-साथ परिवार, समुदाय एवं धर्म में एकता पर बल देते हुए हिंदुओं के संगठित होने पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि मनुष्य के अंदर जो शक्ति है उसका उपयोग अपने भाई, परिवार पर करने के लिए नहीं बल्कि देश व समाज के दुश्मनों पर करना चाहिए। कथावाचक ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण व प्रभु श्रीराम भी किसी कार्य को करने के पहले भगवान की आराधना करते थे। इसलिए कोई भी काम करने के पूर्व भगवान की आराधना करना चाहिए। सारे काम भगवान पर छोड़ दो पूर्ण हो जाएगा।
अगर कोई बलवान है तो बल का प्रयोग करने के पहले उसे सोंचना चाहिए। अगर निवेदन करने से बात बने तो आग्रह करना भगवान राम से सीखना चाहिए। जैसे समुद्र देवता से भगवान श्रीराम ने तीन दिन तक आग्रह किया। उसके बाद जब भगवान ने बाण उठाया तब समुद्र देवता प्रकट हुए।
शक्ति का सदुपयोग करना, शक्ति को संभालना चाहिये। भगवान श्रीराम शक्तिशाली थे मगर शक्ति का उपयोग नही करते थे। समय आने पर करते थे। उन्होंने कहा कि जब हम संगठित हो जाएं तो कोई भी कार्य असम्भव नही है। जब तक बिखरे रहोगे, संगठित नही रहोगे तबतक तोड़े जाओगे।
इस भारत वर्ष में कोई भी कमी नही पर लोग संगठित नही है यह कमी है। भगवान को लंका जाना था तो बानर सेना संगठित हुई थी। हम तो इंसान है। धर्म, परम्परा जातियों के नाम से बंटे न रहो, हमारी एक ही जाति केवल हिन्दू हैं। भारत एक ऐसा देश है जहाँ के लोग यहां की मिट्टी को माथे पर लगाते हैं।
अगर आप हिन्दू हैं तो आपके घर पर भगवा ध्वज लहराना चाहिए। माथे पर तिलक हो, द्वारे पर गौ होनी चाहिए। राम नाम का प्याला होना चाहिए शराब का प्याला नहीं। भारत की धरती ने दुनिया को जीवन जीने की सीख दी है। आज हम अपना गौरवशाली अतीत भूल चुके हैं। जो राष्ट्र भक्त नहीं हो सकता वो राम भक्त नहीं हो सकता।
इस दौरान कथा में भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे और भगवान श्री कृष्ण, श्री राम एवं भारत माता के जयकारे लगाए गए।
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