रजनीश /ज्ञान प्रकाश
करनैलगंज(गोंडा)। आँगनबाड़ी कार्यकत्री व सहायिकाओं ने महिला एवं बाल विकास मंत्री को सम्बोधित अपने मांगों का मांगपत्र बाल विकास अधिकारी को सौंपा है।
जिसमें कहा गया है कि एक वर्ष पूर्व सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आँगनबाड़ी कार्यकत्री व सहायिकाओं को श्रमिक के रूप में मानते हुये ग्रेच्युटी का भुगतान करने का आदेश पारित किया गया था। जिसकी अनदेखी करते हुये अभी तक कोई कार्रवाई नही की गई है।
जिससे देश की 26 लाख महिला कर्मचारियों के जीवन पर सीधा असर पड़ रहा है। पत्र में कहा गया है कि एक तरफ आजादी के 75 वां वर्षगांठ को अमृतकाल के रूप में मनाया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ भारी संख्या में बच्चे कुपोषित हो रहे हैं।
जिन्हे कुपोषण मुक्त करने के लिये लिए आँगनबाड़ी कार्यकत्री व सहायिकाओं द्वारा सतत प्रयास किया जा रहा है। फिर भी इन्हें श्रमिक की भी मान्यता नही दी जा रही है।
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की पहली वर्षगांठ पर आँगनबाड़ी कार्यकत्री व सहायिकाओं द्वारा विरोध प्रदर्शन करते हुये मांग पत्र सौंपा गया है।
जिसमें नियम बनाकर आँगनबाड़ी कार्यकत्री व सहायिकाओं के मानदेय का भुगतान करने, नियमितीकरण, न्यूनतम वेतन/पेंशन के साथ आईसीडी को मजबूत करने आदि की मांग की गई है।
राधेकुमारी, सुनीता सोनी, पूनम, आशा, शाहजहां, उषा देवी, पवन कुमारी व अनीता सिंह सहित अन्य महिलाएं मौजूद रहीं।
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