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कर्नलगंज:मूक बधिर का घर बैनामा के मामले में दरोगा ने दिया क्लीन चिट



रजनीश/ ज्ञान प्रकाश 

करनैलगंज(गोंडा)। एक मूक बधिर व्यक्ति की जमीन व घर का बैनामा कराने के मामले में डीएम ने जांच किया, एसपी ने मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया और डेढ़ साल चली विवेचना के बाद दरोगा ने फाइनल रिपोर्ट लगाकर आरोपियों को क्लीन चिट दे दिया। 


कोतवाली करनैलगंज अंतर्गत ग्राम करुआ के मजरा पांडेय पुरवा निवासी शेषकुमार पांडेय ने जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को थाना दिवस में प्रार्थना पत्र दिया था। जिसमे कहा गया है कि उसका छोटा भाई विजय कुमार उर्फ बाउर जन्म से ही मूक बधिर व अर्ध विक्षिप्त है। उसकी पत्नी व दो बच्चे भी हैं। वह पटियाला में रहकर मेहनत मजदूरी करता था। 


दिसम्बर 2020 माह में उसका मूक बधिर भाई विजय कुमार वापस घर आया। जिस पर गांव के एक व्यक्ति ने उसे अपने घर बुलाकर उसे उसके भाई के प्रति भड़काकर अपने जाल में फंसा लिया। 19 जनवरी 20 को उसके मूक बधिर भाई को बहाने से तहसील ले जाकर उसके हिस्से की भूमि व घर को अपनी पत्नी के नाम बैनामा करवा लिया। तथा बैनामे के दस्तावेज में विजय कुमार के बैंक खाते में घर व जमीन का पैसा अदा करने का बयान दिया गया है। 


मगर खाते में पैसा नही दिया गया, उसके खाते में मात्र 148 रुपये ही पहले से जमा थे उतने ही रुपये हैं। उसके मूक बधिर की समस्त सम्पत्ति का बैनामा धोखे से कराया गया। जिसकी शिकायत उसने अधिकारियों से किया मगर कोई कार्रवाई नही हुई। इसकी शिकायत जिलाधिकारी से की गई। 


जिसपर तत्कालीन डीएम मार्कण्डेय शाही ने गंभीरता से लेते हुए कहा कि कोई भी मूक बधिर व्यक्ति की भूमि का बैनामा बिना परमीशन या बिना एक्सपर्ट के नही किया जा सकता। डीएम ने मामले की रिपोर्ट दर्ज करने के निर्देश दिए थे। एसपी ने भी मामले की रिपोर्ट दर्ज करने की संस्तुति की। पुलिस ने 19 दिसम्बर 2021 को धोखाधड़ी, जालसाजी का मुकदमा दर्ज किया। जिसकी विवेचना उप निरीक्षक मनीष कुमार को दी गई। 


करीब डेढ़ साल चली विवेचना के दौरान वादी से बिना किसी जानकारी या सम्पर्क के है उन्होंने मुकदमें में फाइनल रिपोर्ट लगा दिया। जबकि बैनामे को ग़लत मानकर एसडीएम ने दाखिल खारिज आदेश को स्थगित कर दिया। 


विवेचक मनीष कुमार का कहना है कि मुकदमा दर्ज होने के बाद एक्सपर्ट को बुलाया गया और उसकी रिपोर्ट शामिल करते हुए फाइनल लगाया गया।


 उधर कोतवाल सुधीर कुमार सिंह कहते हैं कि यदि बैनामा के समय एक्सपर्ट की रिपोर्ट नहीं लगी है तो वह जुर्म माना जाएगा। फाइनल कैसे लगा इसकी जानकारी ली जाएगी।

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