सतेंद्र यादव
उज्जैन(मप्र) -जन्मेजय नगरी नागदा में पहली बार साहित्यकारों द्वारा झलक निगम सांस्कृतिक न्यास उज्जैन की सद्प्रेरणा से मीठी मालवी बोली लोक भाषा संस्थान नागदा द्वारा जैन कवि संगम व हिन्दी प्रचार सेवा समिति नागदा के संयुक्त तत्वावधान में राजेन्द्र कांठेड़ की अध्यक्षता व सुन्दरलाल जोशी सूरज के मुख्यातिथ्य तथा सुरेश रघुवंशी व डॉ. पुष्पराज तिवारी खाचरौद के विशेषातिथ्य में हीरो होण्डा शोरूम महिदपुर रोड पर महावीर जयंती के उपलक्ष्य में मालवी काव्य गोष्ठी का सुखद आयोजन सानन्द सम्पन्न हुआ।
जानकारी देते हुए डॉ. पं. लक्ष्मीनारायण सत्यार्थी ने आगे बताया कि मालवी कवि गोष्ठी में महावीर स्वामी व जिनवाणी पर सभी कवियों ने अपनी-अपनी विधा में प्रकाश डालते हुए काव्य रचना पाठ किया।
कार्यक्रम का श्रीगणेश अतिथियों द्वारा माँ शारदे के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन से हुआ। सरस्वती वन्दना की सरस प्रस्तुति अशोक गौर ने दी। पश्चात् देवप्रताप सूर्यवंशी ने राष्ट्रीय समस्याओं पर व्यंग्य परोसा। सुन्दरलाल उपाध्याय कोकिल ने सनातन पर तनातन क्यों ? गीत सुना बहुत वाहवाही लूटी। कैलाश सोनी सार्थक ने मालवी में गजल सुनाकर बहुत दाद बटोरी। हरचरणसिंह चावला चंचल ने दोहो के माध्यम से गोष्ठी को उंचाई प्रदान की। अरविन्द पाठक ने नई कविता विधा में सामाजिक समरसता की बात कहीं। निर्भयसिंह रघुवंशी इन्दौर ने मुक्तक पढ़ भारत गरिमा का बखान किया। मालवी के सशक्त हस्ताक्षर मालवी गीतकार डॉ. पं. लक्ष्मीनारायण सत्यार्थी ने बेटी के जन्म की सार्थकता व महत्ता पर गीत सुना खूब वाहवाही लूटी। सुन्दरलाल जोशी सूरज ने पर्यावरण व शराब पर मालवी गीत सुना चिन्तन परोसा। शिलेश तिवारी खाचरौद ने श्रृंगार गीत सुना प्रेममयी वातावरण बना दिया।
इसी क्रम में कृष्णचंद्र पुरोहित, अशोक गौर, मदन मस्ताना, राजेश रंगीला, लोकेश सरगम, पुरूषोत्तम पोरवाल, सुनील गुप्ता, कमलेश शुक्ला कमल ने समसामयिक विषयो पर काव्य पाठ व गीतो की झड़ी लगा दी। अन्त में समारोह के अध्यक्ष राजेन्द्र कांठेड़ ने महावीर स्वामी की जीवन विरदावली पर गीत सुना सबका मन मोह लिया। गोष्ठी का काव्यमयी सफल संचालन जैन कवि संगम के प्रवक्ता धर्मेन्द्र बम धैर्य ने किया। अन्त में आभार जैन लोकेश सरगम ने माना। स्वल्पाहार शीतलपेय के साथ मालवी काव्य गोष्ठी का समापन हुआ।
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