आर पी तिवारी
इटियाथोक, गोण्डा।स्थानीय पुलिस की उदासीनता के चलते क्षेत्र में इन दिनों महिला अपराधों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। पुलिस आरोपितों के विरुद्ध कार्रवाई करने के बजाय मामले को रफा-दफा करने में जोर दे रही है।
थाने पर न्याय ना मिलता देख पीड़ित महिलाएं उच्च अधिकारियों के कार्यालय पहुंचकर कार्रवाई की मांग कर रही है। जिसकी एक बानगी थाना क्षेत्र के तीन अलग-अलग गांव की महिलाओं के साथ मारपीट व छेड़छाड़ की घटनाएं हैं।
पहली घटना इटियाथोक कस्बे की है जहां बीते 18 अप्रैल को ब्लॉक मुख्यालय पर दबंगों ने विधवा महिला के साथ छेड़छाड़ मारपीट व अश्लील हरकत की। थाने पर सुनवाई ना होता देख महिला ने पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार लगाई है। एसपी के निर्देश पर क्षेत्राधिकारी पूरे प्रकरण की जांच कर रही हैं।
21 अप्रैल को एक गांव की महिला ने थाने में शिकायती पत्र देकर बताया कि रात के समय पड़ोसी युवक परिजनों की गैरमौजूदगी में पीड़िता के जमीन के सामने दरवाजा लगा रहा था, मना करने पर युवक ने महिला के साथ छेड़खानी की। आरोप है की शिकायत के बावजूद अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
वहीं 22 अप्रैल को एक गांव निवासिनी महिला के साथ दबंगों ने छेड़छाड़ मारपीट व अश्लील हरकत की आरोप है कि पुलिस में शिकायत करने बाद कार्यवाही नहीं की गई।महिला बार-बार थाने का चक्कर लगा रही है।
बता देते कि ऐसे मामलों में कार्रवाई होने या ना होने से पुलिस को कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन पीड़ित महिलाओं को दबंगों के ताने, समाज में बदनामी और मायूसी का दंश झेलना पड़ता है। शायद इसी वजह से कई मामलों में महिलाएं व बच्चियां अपमान का घूंट पीकर रह जाती है और कार्रवाई ना होने की आशंका एवं बदनामी के डर से पुलिस में शिकायत नहीं करती है।
मीडिया के समक्ष सिर्फ तेजतर्रार और जागरूक महिलाओं का प्रकरण ही सामने आता है। इसमें भी कुछ मामलों को छोड़कर ज्यादातर मामले ठंडे बस्ते में डाल दिए जाते हैं।
सीओ सिल्पा बर्मा ने बताया कि एक मामले की जांच मेरे द्वारा की जा रही है।अन्य की जानकारी मुझे नहीं है।
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