कमलेश
लखीमपुर खीरी:केले के कचरे को हाई क़्वालिटी के फ़ाइबर में बदलकर दैनिक उपयोग की वस्तुएं बनाने के महत्वपूर्ण कार्य को स्वयं सहायता समूह की आदिवासी महिलाओं को सिखाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सौवें मन की बात कार्यक्रम दिल्ली में आयोजित कॉन्क्लेव में जनपद खीरी के पलिया ब्लॉक के खंड विकास अधिकारी अरुण कुमार सिंह को आमंत्रित किया गया। जहां मौजूद नेताओ व अधिकारियों ने इसे नारी शशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ी पहल बताया है।
बीडीओ अरुण कुमार सिंह ने कॉन्क्लेव में बताया कि किसानों ने केले के कचरे को उठाने आदि में 15 से 20 हजार रुपये प्रति एकड़ का खर्चा आने की समस्या बताई । कोविड 19 के समय समस्या और गहराती देख उन्होंने गूगल पर इसका उपाय खोजा और गुजरात से केले के कचरे से फाइबर बनाने वाली मशीन और प्रशिक्षक बुलवाए।
इसके बाद स्वयं सहायता समूह से जुड़ी आदिवासी धारू महिलाओं को प्रशिक्षण दिलाकर चटाई ,ड्लिया,बैग,जूता, बोर्ड आदि बनवाना प्रारम्भ किया। जिसे इकोफ्रेंडली होने के नाते कई अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं तक ने प्रशंसा कर पुष्कृत किया। उन्होंने बताया कि उनके उस कार्य के लिए जब प्रधानमंत्री जी ने मन की बात कार्यक्रम में की ,तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
ईसानगर ब्लॉक में रहते हुए की थी शुरुआत
बीडीओ अरुण कुमार सिंह इससे पूर्व ईसानगर ब्लॉक में तैनात थे जहां उन्होंने वेस्ट को बेस्ट में बदलने की शुरुआत की थी। क्षेत्र के समैसा गांव में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को एक साथ लाकर उन्होंने एक प्लांट खड़ा करवाकर केले के पेड़ से फाइबर बनाने की शुरुआत की ,जहां अरुण कुमार सिंह की जमकर प्रशंसा हुई थी।
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