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महिलाओं पर होने वाली हिंसा मानवाधिकारों का उल्लंघन है:मंजू मिश्रा



वेदव्यास त्रिपाठी 

प्रतापगढ़!  मान्धाता ब्लाक के ग्राम पंचायत पूरे स्वामीदास के पंचायत सभागार में तरुण चेतना द्वारा घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में उद्बोधन करते हुए तरुण चेतना के निदेशक नसीम अंसारी ने कहा कि घरेलू महिला हिंसा संरक्षण अधिनियम 2005  महिलाओं को हिंसा से संरक्षण देता है. यह कानून परिवार को जोड़ने का काम करता है और पति – पत्नी के बीच सौहार्द बनाने का काम करता है. इसे केंद्र सरकार  द्वारा 26 अक्टूबर 2006 को पूरे देश में लागू किया गया था। अब बीबी को पीटना घर का मुद्दा नहीं पूरे समाज का मुद्दा बन गया है।.

 इसी क्रम में चाइल्डलाइन के प्रभारी सिटी कोऑर्डिनेटर हकीम अंसारी ने महिलाओं का उत्साहवर्धन करते हैं कहा कि घरेलू दायरे में परिवार एवं रिश्तेदार के द्वारा महिलाओं को प्रताड़ित करना हिंसा के दायरे में आता है। महिलाओं पर होने वाली घरेलू हिंसा के खिलाफ आवाज उठाना हम सब की नैतिक जिम्मेदारी हैं। कार्यशाला के दौरान मेहताब खान ने कहा कि घर के अंदर महिलाओं के साथ शारीरिक, मानसिक, आर्थिक हिंसा, ज्यादातर होते हैं। हिंसा के खिलाफ इस अधिनियम 2005 में 3 साल की कैद व जुर्माने का प्रावधान है।

       इस कार्यशाला की संयोजक बीनम विश्वकर्मा ने गीत के माध्यम से लोगों को प्रशिक्षित किया और कहा कि महिलाओं पर होने वाली हिंसा मानवाधिकारों का उल्लंघन है, जिसे रोकने के लिए महिला-पुरुष सबको आगे आना चाहिए. जिसमें ग्राम प्रधान मंजू मिश्रा, विपिन मिश्रा, आंगनबाड़ी हेमलता, आशा अंजू मिश्रा, उषा देवी, आदि लोगों ने कार्यशाला में सक्रिय रूप से प्रतिभाग कर अपने विचार रखे।

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