रजनीश / ज्ञान प्रकाश करनैलगंज(गोंडा)। सरयू नदी के किनारे मिट्टी खनन का पट्टा लेकर बालू की निकासी की जा रही हो। ग्राम पंचायत बसहिया एवं मुंडेरवा गांव की कुछ जमीन सरयू नदी के किनारे गज्जू पुरवा के पास स्थित है। जहां खनन माफियाओं ने बालू खनन का अड्डा बना रखा था, बीते कई वर्षों से चोरी छुपे मिट्टी और बालू का खनन होता रहा है। कई बार उस पर कार्रवाई भी हुई मगर माफियाओं के हौसले बुलंद है। मिट्टी खनन का पट्टा खनन विभाग से मिलने के बाद खनन माफियाओं ने जबरदस्त तरीके से मिट्टी की खुदाई शुरू की है। जहां रातो रात बालू की खुदाई और दिन में मिट्टी की खुदाई की जाती है मशीन से खुदाई न करा कर मजदूरों से खुदाई कराने की शर्त पर मिले पट्टे का फायदा उठाकर रातों-रात मशीनों से मिट्टी व बालू की निकासी की जा रही है। आने वाले समय में इसी तरह से खनन होता रहा तो सरयू नदी के अस्तित्व पर भी खतरा होने के साथ-साथ बाढ़ के दौरान आसपास के गांव भी पूरी तरह जलमग्न दिखाई देंगे। जिसका प्रशासन को अनुमान नहीं है। इस खनन से मिट्टी की महंगाई भी काफी हद तक बढ़ गई है जो मिट्टी 500 से 600 ट्राली बिकती थी वह अब 800 से 1000 प्रति ट्राली बिक्री हो रही है। उसके पीछे माना यह जा रहा है कि रॉयल्टी के नाम पर भारी-भरकम धन उगाही की जा रही है। खनन विभाग के प्रभारी चंद्र प्रकाश जायसवाल का कहना है कि करनैलगंज के एक गांव में खनन का अनुज्ञा पत्र जारी किया गया है लगातार निगरानी की जा रही है कि मशीन लगाकर खुदाई ना हो और बालू की निकासी ना हो इस पर नजर रखी जा रही है। उधर एसडीएम हीरालाल कहते हैं कि खनन से संबंधित ट्रालियों को जब पकड़ा गया तो और रॉयल्टी दिखाई गई जिससे पता चला कि खनन विभाग ने पट्टा दे रखा है यदि खुदाई अधिक की जाती है तो कार्रवाई की जाएगी।
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