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मरीजों के अधिकारों का ध्यान रखना न्याय पूर्ण जिम्मेदारी है:सीएचसी अधीक्षक



मरीजों के अधिकार को लेकर एयनएम को किया जागरूक

निजी अस्पतालों में मरीजों के अधिकार व अस्पताल की जवाबदेही सुनिश्चित हो

 वेदव्यास त्रिपाठी 

प्रतापगढ़ :तरुण चेतना व आर्थिक अनुसंधान केंद्र के तत्वाधान में रोगी अधिकार जागरूकता अभियान के अंतर्गतसामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पट्टी के सभागार में एनम व आशाओ को रोगी अधिकार के विषय में जागरूक करते हुए सी एच सी अधीक्षक डॉक्टर अखिलेश जायसवाल ने कहा कि अधिकार मानव जीवन की वो परिस्थितियां है जिनके बिना कोई व्यक्ति अपना पूर्ण विकास नहीं कर सकता है। अधिकार न्याय की उस समान व्यवस्था का परिणाम है।हमारे सभी स्वास्थ्य कर्मी को मरीजों के अधिकारों का ध्यान रखना न्याय पूर्ण जिम्मेदारी है। अधीक्षक ने कहा कि बिना किसी भेदभाव के हर मरीज को स्वास्थ्य की सुविधाएं पाने का अधिकार है।तरुण चेतना के वरिष्ठ कार्यकर्ता हकीम अंसारी ने अपने उद्बोधन में कहा कि मरीजों के अधिकार को लेकर समुदाय के लोगो की भी जागरूक होना आवश्यक है जिसके लिए संस्था गांव में जाकर लगातार प्रयास कर रही हैं। अंसारी ने सवाल उठाया कि सरकारी अस्पताल में गरीबों की सुनवाई नहीं होती है जिसकी वजह से प्राइवेट अस्पतालों में जाना पड़ता है। वहां लोगों से मनमानी तरीके से धन उगाही करते हैं। चाइल्डलाइन के सदस्य मेहताब खान ने मरीजों के 13 अधिकार पर चर्चा करते हुए कहा कि उपलब्ध सभी जांच उपचार और सुविधाओं के शुल्क की दरें स्थानीय भाषा में अस्पताल के अंदर प्रदर्शित होना चाहिए। अस्पताल में मरीजों की निजी गोपनीयता का ध्यान रखना आवश्यक है। सहायक शोध अधिकारी श्रीकांत ने कहा कि यह प्रयास तरुण चेतना का बहुत ही सराहनीय है इस अभियान से मरीजों को शोषण से बचाने का बेहतर प्रयास है। इस कार्यशाला में स्वास्थ्य पर्यवेक्षक ओमकारेश्वर, राकेश गिरी, शकुंतला देवी, एएनएम पद्मावती, स्नेहलता, ज्योति, चंदा, मंजू लता सिंह, आदि लोग उपस्थित रहे।

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