वेदव्यास त्रिपाठी
प्रतापगढ़ जिले की रामपुर खास विधानसभा क्षेत्र की ऐसी विधानसभा है जहां विपरीत से विपरीत परिस्थितियों मे भी साढे चार दशक से अधिक ज्यादा होने को हैं यहां दिग्गज प्रमोद तिवारी के नाम कांग्रेस का इकबाल बुलन्द है। प्रमोद तिवारी इस समय कांग्रेस के बड़े राष्ट्रीय नेताओं मे शुमार हुए हैं। इसके चलते प्रतापगढ़ जिले की सियासत एक बार फिर राष्ट्रीय राजनीति की चमक को तेज करती दिखने लगी है। वहीं यूपी से कई बार देश का प्रधानमंत्री देने वाले राज्य के भी प्रमोद तिवारी पार्टी के एक मजबूत स्तम्भ की भी ख्याति रखते है। ऐसे समय मे जब कांग्रेस भाजपा से कडे मुकाबले मे दिखने लगी है और राहुल गांधी के भारत जोडो यात्रा की सफलता से उत्साह से लवरेज है, प्रमोद तिवारी भी पार्टी के कददावर चेहरे के रूप में विपक्ष की धार बने देखे जा रहे है। कांग्रेस से दूसरी बार राज्यसभा सदस्य निर्वाचित हुए प्रमोद तिवारी रामपुर खास विधानसभा क्षेत्र मे एक ही पार्टी एक ही विधानसभा क्षेत्र से लगातार नौ बार विधायक निर्वाचित होने का गिनीज बुक आफ दि का भी रिकार्ड बना चुके हैं। वहीं प्रमोद तिवारी देश की राजनीति में सबसे ज्यादा दखल देने वाले उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में अपनी पार्टी कांग्रेस विधानमण्डल दल की नेता भी पांच बार लगातार बने रहने का बडा सियासी कार्ड अपने नाम करने में सफल हुए है। यूपी मे राष्ट्रपति शासन के दौर में प्रमोद तिवारी राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष रहते तत्कालीन समय में प्रदेश की सत्ता के अपरोक्ष केन्द्रबिंदु भी रहे है। कांग्रेस मे उनकी पकड शुरू से ही आंकी जाती रही है। इंदिरा गांधी तथा राजीव गांधी के नेतृत्वकाल में नारायण दत्त तिवारी, वीर बहादुर सिंह, श्रीपति मिश्र, जैसे मुख्यमंत्रियो के कार्यकाल में प्रमोद तिवारी तत्कालीन कांग्रेस सरकारों मे परिवहन, ऊर्जा, नागरिक उडडयन, पर्यटन, सूचना जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों के मंत्री भी रह चुके हैं। विभिन्न विभागों के प्रदेश में मंत्री रहने के कारण प्रमोद तिवारी की यूपी की सियासत मे भी राजनैतिक तथा भौगोलिक पकड़ की अच्छी पैठ मानी जाने लगी। प्रदेश की राजनीति से दिल्ली की सियासत मे प्रमोद तिवारी का कदम भी यूपी से उनके राज्यसभा में निर्विरोध निर्वाचन का सियासी हुनर दिखा गया था। दूसरी बार मौजूदा समय राजस्थान से प्रमोद तिवारी ने भाजपा को शिकस्त देकर देशव्यापी चर्चित जीत भी अपने नाम हासिल करने का सियासी करतब दिखलाया। राजस्थान मे प्रमोद तिवारी को भाजपा तक के एक विधायक का वोट मिलना प्रमोद के सियासी चक्रव्यूह का असर कांग्रेस नेतृत्व पर और प्रभावी दिखने लगा। सोनिया गांधी परिवार के करीबी माने जाने वाले प्रमोद तिवारी हाल ही में राज्यसभा में उपनेता की सौगात भी पार्टी नेतृत्व से पा चुके हैं। वैसे तो प्रमोद तिवारी पार्टी मे वरिष्ठ नेताआंे की कतार में होने के साथ संसदीय ज्ञान में भी माहिर होने के नाते संसद में गृह मंत्रालय जैसे महत्वपूर्ण संसदीय समिति मे सदस्य होने के साथ जल संसाधन मंत्रालय और संसद की कार्यमंत्रणा समिति के भी सदस्य हुए हैं। लेकिन हाल ही में जब पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने अस्वस्थता का हवाला देकर संसद की वित्त मंत्रालय समिति से त्याग पत्र दिया तो बडी बात यह सामने आयी कि जब डा. मनमोहन सिंह ने अर्थव्यवस्था पर मजबूत पकड़ रखने वाले प्रमोद तिवारी का नाम वित्त मंत्रालय की समिति में खुद प्रस्तावित कर दिया। दरअसल कांग्रेस और विपक्ष इस समय ईडी के दुरूपयोग पर भाजपा पर अक्रामक होने के साथ अडानी का भारतीय जीवन बीमा निगम तथा भारतीय स्टेट बैंक आफ इण्डिया से जुडे हिण्डनवर्ग की रिर्पोट के हवाले से प्रकाश मे आये घोटाले को लेकर मोदी सरकार पर जबरदस्त अक्रामक भी हैं। ऐसे समय में वित्त मंत्रालय की संसदीय समिति के भी लगभग नियंत्रण में माने जाने वाली ईडी तथा अडानी घोटाले पर सरकार की घेराबंदी पर पार्टी नेतृत्व भी प्रमोद तिवारी को इस समिति में डा. मनमोहन सिंह की खुद खाली की गयी जगह उपयुक्त समझा। राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता बनने के बाद जिस तरह से प्रमोद तिवारी संसद के अंदर व बाहर विपक्षीय दलों की एकता को साध रहे हैं ऐसे में प्रतापगढ़ की सियासत पर देश की नजर का आ टिकना जिले के नाम को भी देश के कोने कोने मे फिर पहचान देने में कारगर दिख रहा है। प्रतापगढ का हालांकि राजनीति मे शुरू से दबदबा रहा है। राजा दिनेश सिंह पूर्व मंत्री रामकिंकर केंद्र की कांग्रेस सरकारो मे मंत्री रहे तो पं. मुनीश्वर दत्त उपाध्याय यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष बनाए गए। कुण्डा के नियाज हसन तथा जिले के प्रो. वासुदेव सिंह विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी पर आसीन रह चुके है। राजा अजीत प्रताप सिंह, पं. रामनरेश शुक्ल, लाल प्रताप सिंह जैसे नाम भी कांग्रेस शासनकाल मे सत्ता के करीब आंके गये। खुद प्रमोद तिवारी लम्बे समय तक कांग्रेस की यूपी मे सरकार रहते कददावर मंत्री रहे। राज्यसभा में भी जिले का प्रतिनिधित्व तो हुआ पर यह पहला मौका है जब प्रमोद तिवारी के नाम पर जिले का रिकार्ड राज्यसभा में उपनेता विपक्ष बनने का प्रतापगढ़ को सुनहला अवसर मिल सका। प्रमोद तिवारी की पकड़ का अंदाजा पार्टी नेतृत्व के द्वारा उन्हें कई राज्यों के चुनाव में सीडब्ल्यूसी मेंबर रहते भी विधानसभा चुनावों मे स्टार प्रचारक बनाया जाना पहले भी मिल चुका है। राज्यसभा के पहले कार्यकाल में ही प्रमोद तिवारी सदन के अंदर पीएम मोदी को पार्टी की ओर से असहज तक करने मे पार्टी नेतृत्व को यादगार पारी का भी एहसास करा चुके हैं। नतीजन गुजरात के पिछले चुनाव में वहां खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाषणों में संसद मे प्रमोद तिवारी की खुद को लेकर घेराबंदी की टीस जबरदस्त वायरल भी हुई थी। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा मे भी प्रमोद तिवारी की भूमिका कई बार राहुल गांधी के करीबी देखी जा चुकी है। कांग्रेस के हाथ जोडो अभियान का भी प्रमोद तिवारी को मध्य प्रदेश जैसे बडे राज्य में प्रभार मिलना उपनेता के पद की शायद आहट दे गया था। कांग्रेस अध्यक्ष मल्किार्जुन खड़गे के चुनाव प्रचार अभियान मे भी कददावर प्रमोद तिवारी आधे दर्जन राज्यो का प्रभार सफलतापूर्वक अंजाम देने मे कामयाब दिखे। ऐसे मे लोकसभा चुनाव मे कांग्रेस की आशा को प्रमोद तिवारी का संघर्षी चेहरा उत्साह से लवरेज किये हुए दिख रहा है। संसद के सत्र में विपक्षी एकता को लेकर भी उपनेता के रूप में प्रमोद तिवारी धमाकेदार पारी की शुरूआत भी करते दिख रहे हैं। अब ऐसे मे कर्नाटक समेत कुछ राज्यों की विधानसभाओ के चुनाव और लोकसभा चुनाव की आहट के बीच प्रमोद तिवारी का सियासी कद बढ़ाकर कांग्रेस उत्तर भारतीयो की पसंद को भी अपनी थाली में बेहतरीन सजाने की ओर कदम बढ़ा चुकी है।
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