अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर में 26 मार्च को जिला मुख्यालय स्थित अंग्रेजी माध्यम डिवाइन पब्लिक स्कूल में नए सत्र के शुरू होने से पहले खुद के अध्यापक अध्यापिकाओं का टेस्ट कराया गया । डिवाइन पब्लिक स्कूल में पढ़ा रहे अध्यापक एवं अध्यापिकाओं को हर साल सत्र के प्रारंभ में एक परीक्षा से गुजरना पड़ता है । अगर किसी भी अध्यापक में जिस लेवल का क्लास उनको पढ़ाने के लिए दिया जाना है उस लेबल पर उनकी योग्यता ना होने पर या लेवल में गिरावट आने पर उनको नीचे का क्लास या बाहर का रास्ता देखना पड़ता है, जिससे पढ़ाने वाले अध्यापक अध्यापिकाएं प्रतियोगिता में बने रहने के लिए हमेशा अपने आप को पढ़ने और पढ़ाने में लगाए रखते हैं जिससे कि उनका लेवल कम ना हो और उनको बड़ा क्लास दिया जा सके । साथ ही उनके क्लास में किसी प्रकार की गिरावट ना आने पाए वह उनको बाहर का रास्ता ना देखना पड़े और अपने परफॉर्मेंस में हमेशा सुधार करते रहते हैं । अगर उनका परफॉर्मेंस टेस्ट में अच्छा रहता है तो दिए गए क्लास के आगे भी यानी बड़े क्लास को पढ़ाने का मौका भी मिलता है । डिवाइन पब्लिक स्कूल के प्रबंधक से इस प्रकार के टीचर टेस्ट के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि यह प्रतियोगिता सत्र के शुरू में हर साल आयोजित की जाती है, जिससे अध्यापक अच्छा और अच्छा करने के लिए हमेशा पढ़ाई से अपने आप को जोड़ें रखते हैं । उन्होंने कहा कि मेरे ख्याल से इस प्रकार की प्रतियोगिता से स्कूल को योग्य अध्यापक मिलते होंगे जो बच्चों को सही शिक्षा दे सकते हैं । डिवाइन पब्लिक स्कूल के इस प्रकार अनोखे प्रयोग से ही आज बलरामपुर के अभिभावकों का पहली पसंद बना हुआ है । डिवाइन पब्लिक स्कूल और शायद मेरे ख्याल से शहर का सबसे चर्चित विद्यालय है जो अपनी पढ़ाई के लिए जाना जाता है । विद्यालय के प्रबंध निदेशक आशीष उपाध्याय ने बताया कि आज की प्रतियोगिता में पुराने लगभग 50 अध्यापक व अध्यापिकाओं ने भाग लिया । परीक्षा का परिणाम निकलने पर अध्यापक अध्यापक अध्यापिका को उनकी योग्यता के अनुसार क्लास में उन्नति व नीचे भी लाया जा सकता है । अच्छा प्रभाव पेश ना करने वाले अध्यापक को बाहर का रास्ता भी देखना पड़ सकता है ।
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ