सुनील उपाध्याय
बस्ती । विश्व हिंदू महासंघ जिलाध्यक्ष अखिलेश सिंह के नेतृत्व में पदाधिकारियोें, कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को जिलाधिकारी के पं्रशासनिक अधिकारी को ज्ञापन देकर कोतवाली थाना क्षेत्र के मोहल्ला ब्लाक रोड निवासी डा. सुधाकर पाण्डेय के यहां मकान निर्माण का कार्य कर रहे पुरानी बस्ती थाना क्षेत्र के रामफेर यादव की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मृत्यु एवं हत्या मामले की निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई की मांग किया।
ज्ञापन देने के बाद महासंघ जिलाध्यक्ष अखिलेश सिंह ने बताया कि ब्लाक रोड निवासी डा. सुधाकर पाण्डेय के यहां रामफेर यादव मिस्त्री और शटरिंग का कार्य कर रहा था। उसके भाई पुरानी बस्ती थाना क्षेत्र के देईपार निवासी झिनकू यादव पुत्र ढोढे यादव ने कोतवाली थाने में डा. सुधाकर पाण्डेय के विरूद्ध भादवि की धारा 302 के तहत नामजद मुकदमा दर्ज कराया है। तहरीर में कहा गया है कि डा. सुधाकर पाण्डेय ने सटरिंग आदि का काम कराने के बाद उसका बकाया पैसा रोक लिया और बन्धक बनवाकर निर्माण कार्य कराते रहे। उसे कहीं आने-जाने नहीं दिया जाता था और धमकी दी गई थी कि शिकायत करोगे तो जान से मरवा देंगे।
अखिलेश सिंह ने बताया कि 2 मार्च की रात्रि में डा. सुधाकर पाण्डेय ने रामफेर यादव की लाश को उसके घर पर पहुंचवा दिया और परिजनों को धमकी दिया कि कहीं शिकायत करोगो तो अन्जाम बुरा होगा। पीड़ित परिजनों ने इसकी सूचना विश्व हिंदू महासंघ को दिया। गरीब परिवार को न्याय दिलाने के लिये शुक्रवार को महासंघ पदाधिकारी न्याय की मांग को लेकर कोतवाली पहंुंचे और पुलिस उच्चाधिकारियों से वार्ता के बाद नामजद मुकदमा दर्ज हुआ। अखिलेश सिंह ने श्रमिक के हत्या मामले की उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषियों की गिरफ्तारी और श्रमिक परिवार को न्याय के साथ ही आर्थिक सहयोग दिलाने, रामफेर यादव के बेटे को सरकारी नौकरी दिलाने की मांग प्रशासन से किया है। कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद सच सामने आ जायेगा।
श्रमिक रामफेर यादव की हत्या मामले में न्याय दिलाने हेतु प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपने वालों में मुख्य रूप से आशीष उर्फ कल्लू ‘बाबा’ राजकुमार उर्फ मन्टू चौधरी, राजेश यादव, राजकुमार यादव, आदेश यादव, प्रदीप यादव, अमित चौधरी, प्रिन्स पटेल, डब्लू सिंह ‘राना’ राकेश सिंह, संदीप मिश्र, बाबा जय प्रकाश दास, विजयशंकर शुक्ल, मुन्ना सिंह, बब्लू सिंह के साथ ही रामफेर यादव के परिजन और देईपार के ग्रामीण बड़ी संख्या में शामिल रहे।
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