कृष्ण मोहन
गोण्डा:आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र मनकापुर गोंडा में आज दिनांक 10 मार्च 2023 को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर एक किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया । किसान गोष्ठी का शुभारम्भ मुख्य अतिथि डॉ. पीके मिश्रा प्रभारी अधिकारी कृषि विज्ञान केंद्र मनकापुर गोंडा द्वारा किया गया । उन्होंने महिला कृषकों को मोटे अनाजों की खेती के लिए प्रेरित किया । उन्होंने बताया कि मोटे अनाज स्वास्थ्य एवं पोषण की दृष्टि से अत्यंत लाभकारी हैं । मोटे अनाज की खेती में प्राकृतिक संसाधनों जैसे पानी आदि की कम जरूरत होती है । प्राकृतिक संसाधनों का सदुपयोग किया जाता है । मोटे अनाजों में ज्वार, बाजरा,सांवा,कोदों आदि की फसल उगा कर इनको दैनिक भोजन में शामिल करने की जरूरत है । डॉ. राम लखन सिंह वरिष्ठ वैज्ञानिक शस्य विज्ञान ने मोटे अनाजों की उत्पादन तकनीक, महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा महिला सशक्तिकरण व महिलाओं की पोषण सुरक्षा की जानकारी दी । कुलदीप त्रिपाठी विपणन प्रबन्धक पारादीप फास्फेट लिमिटेड ने कम्पनी के उत्पादों मंगलागोल्ड, जिपमाइट प्लस, भूमित्रा कार्बनिक खाद, कार्बनिक फास्फोरस की पूर्ति करने वाले प्रोम,फास्फेटिक उर्वरक 20:20:0:13 आदि उर्वरकों के प्रयोग व महत्व की जानकारी दी । डॉ. मनोज कुमार सिंह उद्यान वैज्ञानिक ने कृषि में महिलाओं की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया ।
उन्होंने बताया कि महिलाओं का खेती में बहुत महत्वपूर्ण योगदान है । कृषक महिलाएं कृषि सम्बन्धी उद्यमों को अपनाकर अच्छी आय प्राप्त कर सकती हैं । महिलाओं द्वारा घरों में दुधारू पशुओं की देखरेख एवं खानपान का प्रबंध कर नियमित दूध का उत्पादन किया जाता है । दूध को बेचकर महिलाएं अपने परिवार का भरण-पोषण करती हैं । साथ ही बचत को बच्चों की शिक्षा में खर्च कर शिक्षित बनाती हैं । डॉक्टर मनीष कुमार मौर्य फसल सुरक्षा वैज्ञानिक ने मशरूम की खेती से स्वरोजगार अपनाने की सलाह दी । उन्होंने बताया कि मशरूम पोषण की दृष्टि से स्वास्थ के लिए अति उत्तम है । इसे दैनिक आहार में शामिल करने की नितान्त आवश्यकता है । किसान महिलाएं मशरूम का उत्पादन अपने घरों में कर सकती हैं । मशरूम के सेवन से परिवार की खाद्य सुरक्षा की जा सकती है । मशरूम में प्रोटीन सहित खनिज लवण की अच्छी मात्रा पाई जाती है । मशरूम का उत्पादन छायादार जगह में पॉलिथीन बैग में किया जा सकता है । डॉक्टर दिनेश कुमार पांडेय ने फल परिरक्षण के अंतर्गत बेल, आंवला आदि के कैन्डी, अचार एवं मुरब्बा आदि की जानकारी दी । उन्होंने प्राकृतिक खेती में देशी गाय की महत्ता, एक देशी गाय से 30 एकड़ की खेती के लिए जीवामृत, बीजामृत, घनजीवामृत आदि बनाने की विधि एवं प्रयोग विधि की जानकारी दी । साथ ही फसल सुरक्षा हेतु दशपर्णी अर्क, ब्रह्मास्त्र, नीमास्त्र व फल पौध उत्पादन तकनीक की जानकारी दी । इस अवसर पर पारादीप फास्फेट लिमिटेड के सुनीत उपाध्याय, जुआरी जय किसान के प्रबंधक नरसिंह कुशवाहा सहित प्रगतिशील महिला कृषकों श्रीमती अंजू देवी,अंजना, कलावती आदि ने प्रतिभाग कर खेती की उन्नत तकनीक की जानकारी प्राप्त की । प्रतिभागी महिला कृषकों को अंगवस्त्र, मंगला गोल्ड उर्वरक आदि निशुल्क वितरित किया गया ।
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