अजब गजब: सोशल मीडिया पर इन दिनों नारी स्वरूप फूल का फोटो तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमे यह दावा किया जा रहा है कि उक्त फूल को नारीलता के नाम से जाना जाता है। बता दें कि सोशल मीडिया के क्षेत्र में आई क्रांति के बाद से हर दिन कोई न कोई रोचक या अजीबो गरीब चीजें देखने को मिल जाती है। जिसे फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, वाह्टसेप जैसे तमाम सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर तेजी से वायरल होते है। जिसमे लोगों के अपने अपने तथ्य होते है जिसपर कभी निगाहों व कानों पर यकीन करना मुश्किल हो जाता है। ऐसा ही कुछ फोटो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहे है। जिसमे फोटो के बारे अलग अलग दावे किए जा रहे है। आइए जाने क्या है दावे?
वायरल फोटो में दावा किया जा रहा है कि नारीलता वृक्ष में नारी आकार के फूल उगते है। यही नहीं फेसबुक पेज पर एक पोस्ट में प्रकृति के व्यवस्था का उल्लेख करते हुए यह भी कहा गया है कि प्रकृति इतने आश्चर्यों से भरी है कि, इसके सभी रहस्यों को जान पाना साधारण मनुष्य के वश की बात नहीं है। एक ऐसा वृक्ष है जिसपर स्त्री के आकार के फूल लगते हैं। दूर से देखने पर ऐसा लगता है कि कई छोटी स्त्रियाँ पेड़ पर लटक रही हैं। यह पेड़ भारत के हिमालीय क्षेत्रों में भी पाया जाता है। इसके अलावा थाईलैण्ड व श्रीलंका में भी यह वृक्ष मिलता है। इसे आकार के आधार पर 'नारीलता' की संज्ञा दी गयी है। पोस्ट में इस फूल के खिलने बाबत लिखा गया है कि नारीलता वृक्ष पर 20 साल के अंतराल में फूल खिलते है। इन फूल से बनने वाले फल को देखकर आप आश्चर्य चकित हो जाएंगे। इन फूलों का आकार देखने में महिला के जैसे होता है।
एक खबरिया चैनल के वेवसाइड ने इस फोटो का वर्णन करते करने वाले खबर का शीर्षक दिया है कि "इस पेंड़ में फलों की जगह उगतीं हैं महिलाएं, दुनियां का सबसे दुर्लभ पेड़"
नारी स्वरूप पुष्पों को लेकर एक हैरान करने वाला दावा
एक वेवसाइड में लिखा गया है कि"कहा जाता है कि जो भी इन फलों को अपने साथ ले गया , और इनके साथ संबंध बनाए, वे चार महीनों तक सोते रहे। और उनकी सारी शक्तियां भी छिन गईं।
लेकिन उक्त वेबसाइट ने अपने ही लेखों की पुष्टि न करते हुए लिखा है कि हालांकि, इन तस्वीरों की सत्यता की पुष्टि अभी तक नहीं हुई है। सोशल मीडिया पर ही कई लोग इसे फेक व फोटोशॉप से बनाई हुई तस्वीरें बता रहे हैं।
एक अन्य वेबसाइट धार्मिक दावे
महिलाओं के आकार के इन फलों का स्वाद कैसा होता है यह तो किसी को नहीं मालूम लेकिन बौद्ध मान्यताओं में इनका बड़ा महत्व है। थाईलैंज में इन पेड़ों को नैरीफन कहते हैं।
वेबसाइट का दावा है कि स्थानीय मान्यताओं के अनुसार यह पेड़ यहां खुद भगवान इंद्र ने लगाए थे। कहते हैं कि इंद्र अपनी पत्नी और बच्चों के साथ यहां रहते थे। एक बार उनकी पत्नी फल तोड़ने गई थी जब कुछ लोगों ने उन्हें परेशान किया था। उनकी रक्षा के लिए इंद्र ने नैरीफन के 12 पेड़ लगाए थे जिसपर उनकी पत्नी जैसे दिखने वाले फल लगते हैं। इंद्र ने यह पेड़ इसलिए लगाए ताकि लोग भ्रमित हो जाएं।
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