अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर मे अखिल भारतीय दुसाध कल्याण परिषद द्वारा राष्ट्रीय अध्यक्ष के नेतृत्व में दुसाध समाज के लोगों की समस्याओं को लेकर गुरुवार को जिलाधिकारी के प्रतिनिधि उप जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया ।
अखिल भारतीय दुसाध परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदयभान प्रसाद ने 16 मार्च को बताया कि दुसाध समाज के विभिन्न समस्याओं को लेकर मांग पत्र जिला अधिकारी को सौंपा गया है । उन्होंने कहा कि मांगों को माना न गया तो प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन किया जाएगा । उन्होंने बताया कि जनपद बलरामपुर के समस्त तहसीलों से हजारों प्रमाणपत्र दुसाध/ढाढ़ी व्यक्तियों का अनुसूचित जाति दुसाध से कई हजार प्रमाणपत्र पूर्व से लेकर अबतक निर्गत होने के बाद भी सार्वजनिक प्रमाणपत्र नही दिया जा रहा है, जिससे इस समाज का अपूर्णीयक्षति हो रहा है। अनुसूचित जाति दुसाध ढांढ़ी में कोई अन्तर नहीं है। इसको प्रशासन भी मान चुका है। उसके बावजूद तहसील प्रशासन दुसाध व ढाढी जाति के लोगों का अनुसूचित जाति प्रमाणपत्र निर्गत करने को तैयार नहीं है। तहसील प्रशासन दुसाध व ढांढ़ी की गुत्थी बार-बार उलझाने का प्रयास कर रहा है। गहन जांच- पड़ताल के बाद पूर्व में तहसील प्रशासन दुसाध ढाढी जाति के तमाम लोगों का अनुसूचित जाति प्रमाणपत्र जारी भी कर चुका है। अब जिन लोगों का अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र पूर्व में जारी हो चुका है उनके सगे संबंधियों और उनके परिवार के लोगों का भी अनुसूचित जाति प्रमाणपत्र निर्गत करने में प्रशासन हीला हवाली करने में जुटा हुआ है। जबकि उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में दुसाध ढांढ़ी जाति के लोग निवास करते हैं और उनका अनुसूचित जाति दुसाध का प्रमाणपत्र निर्गत किया जाता है। दुसाध को बोलचाल की भाषा में ढांढ़ी भी कहा जाता है। हिन्दू ढाढ़ी और दुसाध जाति में एकरूपता है। इनके रहन-सहन रोटी बेटी का संबंध पेशा व्यवसाय एवं गुणदोष एक हैं। इस संबंध में पूर्व में जिला स्तरीय कमेटी के आदेश के पालन में दुसाध ढाढ़ी जाति के तमाम लोगों का अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र जिले की तीनों तहसीलों से जारी हो चुका है, लेकिन सार्वजनिक तौर पर जाति प्रमाण पत्र जारी करने में तहसील प्रशासन हीलाहवाली कर रहा है। प्रशासन की हीलाहवाली से दुसाध ढांढ़ी जाति के लोगों को न्याय मिलना मुश्किल हो गया है। इस समस्या का निस्तारण किया जाना अतिआवश्यक है। इस संबंध में तहसील कर्मियों का मानना है कि दुसाध जाति के लिए जो लोग ऑनलाइन आवेदन करते हैं। वे पुराने अभिलेखों में कौम ढाढ़ी दर्ज हैं। प्रश्नगत जब ढाढ़ी दुसाध व्यक्तियों को दुसाध का जाति प्रमाण पत्र आदेश के बाद जारी किया गया तो बिना किसी आदेश के रोक क्यों ? ऐसी स्थिति में यदि ढाढ़ी और दुसाध में कोई अंतर है ? तो इसका समाधान होना अपरिहार्य है" कि ढाढ़ी किस जाति में है ?व किस जाति के श्रेणी में सूचीबद्ध है ? तथा ढाढ़ी किस जाति का उपजाति है। उन्होंनेेे चेतावनी दिया कि यदि जिला प्रशासन द्वारा संतोष जनक न्याय नहीं किया गया तो जल्द ही दुसाध ढांढ़ी समाज के लोग वृहद आंदोलन करने को बाध्य होंगे जिसकी सारी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी । ज्ञापन देते समय अखिल भारतीय दुसाध कल्याण परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय भान प्रसाद केे साथ बस्ती मंडल अध्यक्ष लालचंद दुसाध, राम रूप पासवान, राम कोमल दुसाध, समाज सेवी सुभाष पासवान, देवीपाटन मंडल अध्यक्ष राम नरेश दुसाध, बलरामपुर जिला अध्यक्ष शिवचरण दुसाध, स्वामीनाथ, छोटेलाल, केशव राम, भोला प्रसाद, मनीराम, भागीरथ, शिवलाल प्रधान, भगवानदीन, राम सेवक, राम मंदिर प्रसाद व चेतराम प्रसाद सहित तमाम लोग मौजूद रहे ।
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