पं श्याम त्रिपाठी/ बनारसी मौर्या
नवाबगंज (गोंडा) नवाबगंज से ढेमवाघाट होकर सोहावल अयोध्या को जाने वाला ढेमवा मार्ग उपेक्षा का शिकार हो चुका हैं. पिछले वर्ष आयी बाढ़ की तबाही में यह मार्ग कई जगह से बाढ़ में कटकर बह गया. बाढ़ के समय ही इसे बचाने को लेकर काफ़ी प्रयास किये गए किन्तु सब नाकाफी रहे.
बाढ़ समाप्ति के बाद मार्ग को सुधारने के लिए मिट्टी पटाई का कार्य शुरू हुआ किन्तु अब विगत 2 महीनो कार्य पूरी तरह ठप हो चुका हैं. आवागमन के दृस्टि से यह पूरी तरह जोखिम भरा हो चुका हैं. ढेमवा पुल व बैसिया के पास मार्ग पूरी तरह पानी में समा गया हैं.मरम्मतिकरण ना होने से क्षेत्रीय लोगो के साथ साथ दूर दराज व अन्य जिलों से यात्रा करने वाले लोगो के लिए समस्या बरकरार हैं. क्षेत्रीय किसानो का गन्ना इस बार 30 किमी की अतिरिक्त दूरी तय कर मिल तक पहुंच पाया।
फंसी गाड़ियों को निकालने के लिए मनमानी वसूली
ढेमवाघाट मार्ग निर्माण ना होने से लोग कच्चे व जोखिम भरे रास्ते से निकलते हैं. ऐसे में कुछ छोटे चार पहिया वाहन धूल व कीचड़ भरे रास्ते में ज़ब फंस जाते हैं तो स्थानीय ट्रेक्टर चालक द्वारा 200 से 500 रूपये बाहर निकालने के लिए वसूल किये जाते हैं.इस सड़क पर आवागमन मुश्किल हो रहा है।
दत्तनगर के ग्राम प्रधान प्रतिनिधि राजा राम यादव बताते हैं की पूरा समय बीतने को हैं किन्तु मार्ग निर्माण नहीं हुआ.कच्छप गति से चले कार्य का 2 माह से रुक जाना दर्शाता हैं अब इस बार भी निर्माण नहीं हो पायेगा.अगली बरसात के पहिले मार्ग निर्माण ना होने से इस बार के बहाव में अधिक क्षेत्रफल में सड़क कटने का अंदेशा हैं अगर समय से सड़क निर्माण नहीं हुआ तो बाढ़ में आवागमन बंद हो जाएगा।.
ढेमवाघाट पुलिस चौकी भी हैं खतरे में
नवाबगंज थाना क्षेत्र की ढेमवा मार्ग पर पुल से 2 किमी पहिले स्थित ढेमवाघाट पुलिस चौकी पर भी खतरा मंडरा रहा हैं. पूर्व में आयी बाढ़ में चौकी का स्नानघर व शौचालय बाढ़ में बह गया था. शेष चौकी के परिसर की जमीन में भी दरारे पड़ चुकी हैं. इस बार भी कुछ हिस्सा कट गया था. आगे बड़ा खतरा बना हुआ हैं. फिर भी उसी भवन में रहने को पुलिस कर्मी विवश हैं।
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