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जिस चीन के लोन से कंगाल हुआ पाकिस्‍तान, अब उसी के नागरिक शहबाज को 'भीख' देने पर उठा रहे सवाल



उमेश तिवारी

काठमांडू / नेपाल:पाकिस्‍तान के आर्थिक संकट पर चीन ने जिस तरह से प्रतिक्रिया दी है, वह अपने आप में हैरान करने वाला है। पिछले दिनों चीन की तरफ से सेंट्रल बैंक में 700 मिलियन डालर की रकम जमा कराए जाने की खबरें आईं। पाकिस्‍तान के आर्थिक विशेषज्ञ मानते हैं कि चीनी कर्जे की वजह से देश की यह स्थिति हुई है। दूसरी ओर चीन की जनता अब सवाल पूछने लगी है कि पाकिस्‍तान की यह आर्थिक स्थिति कब तक ऐसी रहेगी और ऐसे में इस देश के साथ चीन का दोस्‍ताना कब तक टिक पाएगा। चीन का सरकारी मीडिया चीन-पाकिस्‍तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) की क्षमताओं पर भी सवाल करने लगा है। साफ है कि कहीं न कहीं आर्थिक संकट दोस्‍ती पर असर डालने लगा है।

ट्रेंड होने लगा कंगाल पाकिस्‍तान

पाकिस्‍तान के रक्षा मंत्री ख्‍वाजा आसिफ ने 19 फरवरी को कहा था कि उनका देश अब कंगाल हो चुका है। उनके इस कबूलनामे के बाद चीन के नागरिक सोशल मीडिया पर आकर अपने देश की मीडिया से सवाल करने लगे। चीनी सोशल मीडिया साइट्स वीबो पर Pakistan bankruptcy के साथ ख्‍वाजा आसिफ का बयान ट्रेंड होने लगा। हालांकि यह चर्चा बहुत ज्‍यादा देर तक नहीं चल पाई क्‍योंकि चीन ने हमेशा पाकिस्‍तान के आर्थिक संकट की गंभीरता को मानने से इनकार कर दिया है।

हमेशा होगी पाकिस्‍तान की मदद

पाकिस्‍तान पर इस समय 30 बिलियन डालर का चीनी कर्ज है जिसमें चीनी सरकार और चीनी कमर्शियल बैंकों का दिया कर्ज शामिल है। यह कुल विदेशी कर्ज से कुछ 30 फीसदी ज्‍यादा है। इसके अलावा पाकिस्‍तान को अंतर्राष्ट्रीय‍ मुद्राकोष (IMF), वर्ल्‍ड बैंक, और एशिया डेवलपमेंट बैंक का कर्ज भी चुकाना है। हाल ही में मिले 700 मिलियन डालर देश का विदेशी मुद्रा भंडार 20 फीसदी तक बढ़ाने में मदद करेंगे। आर्थिक संकट पर चीन की चुप्‍पी के बावजूद चीनी विशेषज्ञ मानते हैं कि चीन हमेशा पाकिस्‍तान की मदद करेगा।

शंघाई इंस्‍टीट्यूट फार इंटरनेशनल स्‍टडीज के ल्‍यू झोंगयी ने कहा, 'पाकिस्‍तान पर श्रीलंका की तरह खतरा नहीं है। मुझे नहीं लगता कि यह देश कभी कंगाल होगा क्‍योंकि चीन, सऊदी अरब और दूसरे देश पाकिस्‍तान की मदद कर रहे हैं। समस्‍या बस यही है कि आईएमएफ की तरफ से देश को कर्ज नहीं मिला है।

पाकिस्‍तान के साथ चीन

सीसीपी सेंट्रल फारेन अफेयर कमीशन के डायरेक्‍टर वांग यी ने जर्मनी में पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो से मुलाकात की थी। उन्‍होंने यह बात मानी थी कि देश संकट में है। 17 फरवरी को म्‍यूनिख में वांग यी ने कहा था, 'चीन मजबूती के साथ पाकिस्‍तान की सुरक्षा और स्थिरता को बरकरार रखने में मदद का समर्थन करता है। साथ ही वह यहां पर विकास को भी बढ़ावा मिलने का समर्थक है। पाकिस्‍तान की अस्‍थायी मुश्किलों में चीन उसकी मदद करने की क्षमता रखता है।'


कब तक होगी मदद

चीन के नागरिकों का कहना है कि निश्चित तौर पर पाकिस्‍तान की स्थिति इस समय बेहद खराब है। अर्थव्‍यवस्‍था कंगाली पर है, राजनीतिक अस्थिरता के अलावा अफगानिस्‍तान में मौजूद आतंकी इसकी मुश्किलों को बढ़ा रहे हैं। अगर पाकिस्‍तान में स्थिति खराब होती है तो भारत पर दबाव कम हो जाएगा जो चीन के लिए अच्‍छा नहीं है। चीन की तरफ से पाकिस्‍तान को असीमित मदद दिए जाने की खबर है। हालांकि अब सवाल उठने लगे हैं कि कब त‍क और कैसे चीन को पाकिस्‍तान की मदद करते रहना चाहिए।

रूस यूक्रेन की जंग की वजह से चीन और पाकिस्‍तान की दोस्‍ती पर खतरा आ गया था। एक रिपोर्ट में जब सामने आया कि पाकिस्‍तान की तरफ से यूक्रेन को हथियार मुहैया कराए गए हैं तो चीन के नाराज होने की भी खबरें आईं। जो रिपोर्ट आई थीं उनकी पुष्टि नहीं हो सकी मगर पाकिस्‍तान की राजनीति को लेकर आशंकाएं जताई जाने लगीं।

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