मो सुलेमान
गोंडा: शुक्रवार को सुभाष जहां तेज हवा के साथ बारिश हुई वहीं दोपहर में धूप निकला और शाम को पुनः बदली छा गई ठंडक भी बढ़ने लगी लोगों ने गाने के तर्ज पर कहा जाने वालों से मुलाकात ना होने पाई और बदरिया छा गई बरसात ना होने पाई यह इसलिए लोग कहते हैं कि सुबह हल्की फुल्की बारिश हुई और फिर निकला दो शाम को छाई बदली बड़ी ठंडक बाजार में पसरा सन्नाटा बाजार में सन्नाटा पसर ने से दुकानदार भी परेशान वही सुबह हल्की बारिश होने से किसान परेशान लोग कहते हैं यह तो वही कहावत है कि जाने वालों से मुलाकात ना होने पाई और बदरिया छा गई बरसात ना होने पाई यह कहकर लोग आपस में हंस-हंसकर कहते हैं की खुदा की खुदाई ईश्वर के दिल की बात कोई नहीं जानता क्योंकि एक ही दिन में सुबह बारिश दोपहर में कड़ाके की धूप और शाम को पुनः छाई बदली कुछ लोग खुश भी हैं और कुछ परेशान क्यों की बरसात से जहां किसान की गेहूं तथा सरसों की फसल खराब हो रही है वही बदली छाने की वजह से बाजार में सन्नाटा हो जाने के कारण दुकानदार भी परेशान है!
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