वेदव्यास त्रिपाठी
प्रतापगढ़! केन्द्रीय एवं राज्य सरकार के कार्मिकों एवं शिक्षकों के संयुक्त मंच द्वारा पुरानी पेंशन बहाली के मुद्दे को लेकर व्यापक धरना प्रदर्शन किया । एन.जे.सी.ए. संयुक्त मंच द्वारा मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन अतिरिक्त एसडीएम सदर के माध्यम से सौंपा गया! साथ ही केन्द्रीय सरकार की तरह विज्ञापन प्रकाशन की तिथि के आधार पर ओपीएस का लाभ देने की मांग को लेकर विशिष्ट बीटीसी शिक्षक संघ जिलाध्यक्ष डा०विनोद त्रिपाठी के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपा। जिला कचेहरी में एन आई सी के सामने धरना रत कर्मियों एवं शिक्षकों के आन्दोलन को धार देने के लिए रेलवे, डाक, आयकर, पासपोर्ट आदि को साथ लेकर राज्य कर्मचारी संगठनों में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, विशिष्ट बीटीसी शिक्षक संघ, कलेक्ट्रेट मिनिस्टीरियल एसोसिएशन, डिप्लोमा इंजीनियिर्स महासंघ, उघान, सिंचाई, परिवहन, कोषागार, निबंधन, लोकनिर्माण विभाग, कृषि, मण्डी, प्रदूषण नियंत्रण, कर्मचारी राज्य बीमा निगम, अल्प बचत, रजिष्टार -चिटफण्ड, श्रम, शिक्षा, राजस्व, ग्राम विकास, ग्राम पंचायत, सफाई कर्मचारी, आईटीआई, बाल विकास पुष्टाहार, खाद्य रसद आदि विभागों के सेवा संगठनों ने मिलकर पुरानी पेंशन बहाली के लिए आन्दोलन की रूपरेखा बनाई ।संरक्षक मनोकानिका उपाध्याय ने कहा कि नई पेंशन योजना वापस लेने एवं पुरानी पेंशन व्यवस्था की बहाली के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाली संयुक्त मंच के बैनर तले राष्ट्र व्यापी आन्दोलन का निर्णय लिया जा चुका है। इसी क्रम में जनपद मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया जा रहा है।
विशिष्ट बीटीसी शिक्षक (वे०) एसोसिएशन जिलाध्यक्ष डा०विनोद त्रिपाठी ने बताया कि वर्ष 2004 से नव परिभाषित अंशदान पेंशन योजना से पूरे कर्मचारी, शिक्षक समाज का भविष्य अंधकार मय हो गया है। कई बार उच्च स्तरीय बैठक पर नई पेंशन योजना का हर स्थिति में विरोध दर्ज कराया गया लेकिन सरकार ने अब तक ध्यान नही दिया। परिणाम स्वरूप एक राष्ट्व्यापी मंच का गठन कर पुरानी पेंशन बहाली के लिए एक निर्णायक आन्दोलन का श्रीगणेश हुआ।रा०क०सं०परिषद संयोजक राजेश मोहन मिश्र ने पुरानी पेंशन के मामले में सरकार का ध्यान आकर्षित कराते हुए कहा कि कर्मचारी शिक्षक समाज को हर हाल में पुरानी पेंशन बहाली चाहिए।संयुक्त मंच के अध्यक्ष अनिल कुमार शुक्ल (नार्थ रेलवे) ने कर्मचारियों और शिक्षकों के फण्ड का पैसा शेयर बाजार में लगाए जाने का पुरजोर विरोध करते हुए इससे होने वाले नुकसान की जानकारी दी! पुरानी पेंशन बहाली से सरकार के ऊपर कोई फर्क नही पड़ने वाला कर्मचारी नेता शक्ति सिंह और पंचायती राज के अयोध्या यादव ने कहा कि एक जनवरी 2004 से केन्द्रीय कर्मचारियो तथा 1अप्रैल 2005 से उ0प्र0 ने नई पेंशन योजना को यह कहकर लागू कर दिया था कि प्रस्तावित नई व्यवस्था भी पुरानी पेंशन जैसी होगी। जिला मंत्री रमा शंकर तिवारी ने कहा कि एनपीएस लागू करते समय सरकार ने कहा था कि कर्मचारियों को कोई नुकसान नही होगा। किन्तु इतने दिनों में यह बॉत सिद्ध नही हो पाई। उल्टे सेवानिवृत्त हो रहे कार्मिकों को 2 से 5 हजार तक ही पेंशन राशि मिल पा रही है। ऐसे में इस महंगाई में यह राशि कर्मचारी के बुढ़ापे का क्या सहारा बन पाएगी। ऐसी स्थिति में पुरानी पेंशन व्यवस्था ही एक सामाजिक सुरक्षा है।धरना प्रदर्शन एवं ज्ञापन के दौरान लेखपाल संघ अध्यक्ष ऐनुल हसन, वशिष्ठ कुमार सिंह, सुरेश पाण्डेय, ललित मिश्र सरस, आशुतोष सिंह, दीपेश दूबे, डा०अनिल त्रिपाठी, उमेश कुमार, राजेश कुमार मिश्र, अभिमन्यु सिंह, विजय शंकर गुप्ता, इ० आर. एस. सिंह, अतुल यादव, सुधीर पटेल, अमरजीत कश्यप और सुनील कुमार आदि ने सभा को सम्बोधित किया।
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