जनपद के राजस्व विभाग में कर्मियों द्वारा घूस के मामले में आरोप साबित होने पर भी नहीं होती है कार्यवाही
पं. बागीश तिवारी
गोंडा। तहसील तरबगंज के तहसीलदार पेशकार को एंटी करप्शन टीम ने रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अधीक्षक गोंडा ने पेशकार के गिरफ्तारी की पुष्टि की है। तहसील में पेशकार की गिरफ्तारी से तहसील कर्मियों में हड़कंप मचा है। तहसीलदार तरबगंज के पेशकार संतोष रावत ने एक मुकदमे में फैसले को लेकर पीड़ित से पांच हजार रुपये रिश्वत की मांग की थी।
पीड़ित द्वारा इसकी सूचना एंटी करप्शन टीम को दी गई। सूचना पर एंटी करप्शन गोरखपुर की टीम शनिवार को तरबगंज पहुंची और पेशकार की गिरफ्तारी का जाल बिछाते हुए पेसकार को गिरफ्तार कर लिया। पीड़ित ने शनिवार की शाम को पेशकार संतोष रावत को तरबगंज चौराहे पर रूपए देने के लिए बुलाया।जैसे ही पीड़ित ने संतोष रावत के हाथ में रुपये दिए चौराहे पर मौजूद एंटी करप्शन की टीम ने उसे रंगे हाथ रिश्वत के पैसे के साथ दबोच लिया। पेसकार
संतोष रावत बलरामपुर जिले के सादुल्लानगर थाना क्षेत्र के किशनपुर सागर गांव का रहने वाला है।और तरबगंज में तहसीलदार के वरिष्ठ लिपिक(पेशकार) पद पर कार्यरत थे। एंटी करप्शन टीम पेसकार को अपने साथ गिरफ्तार करते हुए नवाबगंज थाने ले गई है। पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर ने पेशकार संतोष रावत की गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि आरोपी को नवाबगंज थाने ले जाया गया है।और विधिक कार्यवाही करके जेल भेजा जा रहा है। बताते चलें कि जनपद के राजस्व विभाग में खुले आम रिश्वत का खेल चल रहा है। और विभिन्न पदों पर कार्यरत कर्मियों के विरुद्ध आरोप साबित होते हुए भी कार्यवाही नहीं होती है। जिससे घूसखोरी रुकने का नाम नहीं ले रही है।
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