उमेश तिवारी
काठमांडू / नेपाल:चीन और ताइवान के बीच दुश्मनी जगजाहिर है। इस बीच चीनी अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल ताइवान दौरे पर पहुंचा है। उनके ताइपे पहुंचते ही एयरपोर्ट से ही विरोध प्रदर्शनों का दौर शुरू हो गया है। इसे देखते हुए ताइवान ने चीनी अधिकारियों को अभूतपूर्व सुरक्षा दी है। उन्हें एयरपोर्ट से पीछे के रास्ते निकाला गया।
बताते चलें कि चीनी अधिकारियों का एक समूह ताइवान स्ट्रेट में बढ़ते सैन्य तनाव के बीच ताइवान पहुंचा है। कोविड-19 महामारी शुरू होने के बाद यह पहला मौका है, जब चीनी अधिकारियों के किसी समूह ने ताइवान की यात्रा की है। चीनी अधिकारियों की यात्रा का मुख्य उद्देश्य ताइवान की राजधानी ताइपे में होने वाले एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में हिस्सा लेना है। हालांकि, शनिवार को उनके ताइपे पहुंचे ही विरोध प्रदर्शनों का दौर शुरू हो गया। ताइपे हवाई अड्डे से ही नागरिकों के समूहों ने वापस जाओ-वापस जाओ की नारेबाजी शुरू कर दी। पिछले साल अमेरिकी हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी की यात्रा के समय चीन और ताइवान युद्ध के कगार पर पहुंच गए थे। उस समय अमेरिका की दखलअंदाजी के बाद चीन को अपने कदम पीछे खींचने पड़े थे।
ताइवान क्यों पहुंचे चीनी अधिकारी
स्थानीय मीडिया के अनुसार, ताइवान की सरकार ने इस हफ्ते सिटी अथारिटी के निमंत्रण पर लैटर्न फेस्टिवल में भाग लेने के लिए चीनी अधिकारियों की यात्रा की अनुमति दी थी। इसमें चीन के ताइवान मामलों के कार्यालय के शंघाई कार्यालय के उप प्रमुख लियू शियाओडोंग के नेतृत्व में छह अधिकारी शामिल हैं। ताइपे के सोंगशान हवाईअड्डे पर पहुंचे लियू ने पत्रकारों के सवालों का जवाब नहीं दिया। उनके समूह को विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए भारी सुरक्षा के बीच एक वैन में ले जाया गया।
चीनी अधिकारियों का भारी विरोध
चीनी अधिकारियों की यात्रा के समय लगभग एक दर्जन ताइवान की स्वतंत्रता समर्थकों ने "ताइवान और चीन, अलग देश" और "चीनी लोग, बाहर निकलो" के नारे लगाते हुए हवाई अड्डे के बाहर उनके आगमन का विरोध किया। इस दौरान हवाई अड्डे की सड़क पर चीन समर्थक ताइवानियों के एक अन्य छोटे समूह ने उनका स्वागत किया। ताइवान में चीन समर्थकों की संख्या काफी कम है। इसके बावजूद इन लोगों की मौजूदगी को महसूस किया जाता है। सुरक्षा कारणों से चीनी अधिकारियों की गतिविधियों को सार्वजनिक नहीं किया गया है।
स्वतंत्रता-समर्थक ताइवान गणराज्य कार्यालय के प्रमुख चिल्ली चेन ने बताया कि ताइवान के लोग बहुत मेहमान नवाज हैं और आगंतुकों का स्वागत करते हैं। लेकिन, उनके अंदर चिंता है कि ये अधिकारी ताइवान जैसे लोकतांत्रिक द्वीप पर चीनी नीतियों को आगे बढ़ाने के लिए आ रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि चीन जो कुछ भी करता है वह राजनीति है,और उनका उद्देश्य निश्चित रूप से ताइवान को चीन में मिलाना है। वहीं, ताइवान की चीन-नीति-निर्माण मुख्यभूमि मामलों की परिषद ने कहा कि समूह को तब तक आने की अनुमति दी गई है जब तक वे एक लो प्रोफाइल रखते हैं। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि उनकी यात्रा आपसी समझ और स्वस्थ और व्यवस्थित आदान-प्रदान को बढ़ावा देगी।
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