सुनील उपाध्याय
बस्ती। समाज सुधारक महान संत गाडगे को उनके 147 वें जयन्ती अवसर पर समाजवादी पार्टी कार्यालय पर याद किया गया। सपा के निवर्तमान उपाध्यक्ष जावेद पिण्डारी ने संत गाडगे को नमन् करते हुये कहा कि उन्होने अनेक धर्मशालाएं, गौशालाएं, विद्यालय, चिकित्सालय तथा छात्रावासों का निर्माण कराया। यह सब उन्होंने भीख मांग-मांगकर बनावाया किंतु अपने सारे जीवन में इस महापुरुष ने अपने लिए एक कुटिया तक नहीं बनवाई। उन्होंने धर्मशालाओं के बरामदे या आसपास के किसी वृक्ष के नीचे ही अपनी सारी जिंदगी बिता दी। वे स्वच्छता अभियान के सबसे बड़े नायक हैं। उनके जीवन से प्रेरणा लेने की आवश्यकता है।
सपा नेता मो0 सलीम, समीर चौधरी, अरविन्द सोनकर, राम सिंह यादव ने कहा कि संत गाडगे बाबा के जीवन का एकमात्र ध्येय था- लोक सेवा। दीन-दुखियों तथा उपेक्षितों की सेवा को ही वे ईश्वर भक्ति मानते थे। धार्मिक आडंबरों का उन्होंने प्रखर विरोध किया। उनका विश्वास था कि ईश्वर न तो तीर्थस्थानों में है और न मंदिरों में व न मूर्तियों में। दरिद्र नारायण के रूप में ईश्वर मानव समाज में विद्यमान है। उनके जीवन से हम सबको सेवा और समर्पण के क्षेत्र में प्रेरणा लेनी चाहिये। कहा कि संत गाडगे नशाखोरी, छुआछूत जैसी सामाजिक बुराइयों तथा मजदूरों व किसानों के शोषण के भी वे प्रबल विरोधी थे।
संत गाडगे को नमन् करने वालों में मुख्य रूप से प्रदीप यादव, ज्ञानचन्द चौधरी, राम कृपाल यादव, चीनी चौधरी, गिरीश, युनूस आलम, प्रशान्त यादव, इन्द्रावती शुक्ल, पी.सी. भारतीय, रजनीश यादव, गौरीशंकर, धनुषधारी गुप्ता, मो. शमी, युगुल किशोर चौधरी, रफीक खान, फूलचन्द चौधरी, आनन्द चौधरी, जीत बहादुर सिंह, देवनाथ यादव, रन बहादुर यादव, रमेश गौतम, सुरेश सोनकर, धर्मेन्द्र पासवान, विनोद यादव, झिनकू सोनकर, राजेश आदि शामिल रहे।
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