पं श्याम त्रिपाठी
गोण्डा:दलितों ने तहसीलदार,नायब तहसीलदार,लेखपाल कानून गो को चीख चीख कर गरियाया। मौके के नजाकत को देखते हुए अधिकारी गाली को प्रवचन के तरह सुनते रहे। चौकिए मत…! यह हम नही कह रहे है,बल्कि लेखपाल ने स्वयं मुकदमा दर्ज कराया है।
तरबगंज तहसील में तैनात लेखपाल ने क्षेत्र के अशोकपुर के आधा दर्जन से ज्यादा दलितों के विरुद्ध गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है।
बता दें कि 7 फरवरी 2023 को प्रशासन नवाबगंज के अशोकपुर गांव में अवैध अतिक्रमण पर बुलडोजर चलवाने गया था। जहां प्रशासन को नाकों चने चबाने पड़े थे, उग्र हुए ग्रामीणों ने हो हल्ला करते हुए आगजनी भी की थी। मामले में लेखपाल गौरव शरण गाँधी पुत्र देव शरण गाँधी ने नवाबगंज थाना में प्राथमिकी दर्ज करा दिया है।शिकायत पत्र में आरोप है कि, अशोकपुर स्थित परती की भूमि पर अवैध रूप से विजय प्रकाश पुत्र रमेश, रामनाथ पुत्र रामचरन, और दीनानाथ पुत्र गुरु प्रसाद, के द्वारा अवैध रूप से अस्थायी झुग्गी व घूर, पुवाल रखकर कब्जा कर लिया गया था। उक्त अवैध अतिक्रमण को हटवाने तहसीलदार डॉ पुष्कर मिश्र, नायब तहसीलदार नवाबगंज रंजन वर्मा , राजस्व निरीक्षक परशुराम मिश्रा, योगेश चन्द्र शर्मा, अवधेश कुमार दूबे , लेखपाल श्रीराम प्रकाश पाण्डेय, ओम प्रकाश वर्मा के साथ मय पुलिस टीम स्थल पर पहुँचे। मौके पर पुरानी परती खाते की भूमि का सीमांकन करके, अवैध अतिक्रमण को हटाने की प्रक्रिया चल ही रही थी । इसी बीच विजय प्रकाश पुत्र रमेश, विमला पत्नी रमेश, रोशनी पुत्री रमेश, दीनानाथ पुत्र गुरु प्रसाद, आकाश पुत्र छट्ठीराम, जुगना पुत्री छट्ठीराम, रामनाथ पुत्र रामचरन , शिवम पुत्र नान्हू , और अमरेश पुत्र झिन्नू कार्य में बाधा डालने लगे। जिस पर तहसीलदार के द्वारा बार बार अतिक्रमण को हटाने का अनुरोध किया गया । लेकिन अतिक्रमण कारी आमादा फौजदारी होते हुये कार्य सरकार मे रुकावट की गयी । टीम को गाली गलौज करते हुये कहा गया कि, हम कब्जा नही हटायेंगे। तब राजस्व टीम व पुलिस टीम के सहयोग से संशाधनो के माध्यम में, अवैध अस्थायी अतिक्रमण हटवाया जा रहा था। तभी उपरोक्त असामाजिक तत्वों के द्वारा कुछ महिला व पुरुष साथियो के साथ, राजस्व व पुलिस टीम को दौड़ाते हुये, अस्थायी अतिक्रमण घास फूस व छप्पर में आग लगा दी। जिस पर अफरा तफरा मच गयी । अग्निशमन की टीम बुलाकर आग पर काबू पाया गया । उपजिलाधिकारी उपस्थित में अतिक्रमण मुक्त कराते सरकारी भूमि को भूमि समिति के अध्यक्ष के सुपुर्द कराया है।
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