मोहम्मद सुलेमान
गोंडा। मौसम धीरे-धीरे करवट लेने लगा है जिले में तापमान में बढ़ोतरी के साथ लोगों की बढ़ने लगी है परेशानी। उधर ब्लॉक क्षेत्र में लगे इंडिया मार्का हैंडपंप बार-बार खराबी होने से लोगों के लिए परेशानी का सबब बन रही है। ग्रामीणों ने हैंडपंप मरम्मत करवाने के लिए सम्बंधित कर्मचारियों को अवगत कराया है। लेकिन कोई इनकी मरम्मत की ओर ध्यान नहीं दे रहा है। हालांकि विभाग रस्मी तौर पर जल्द रिबोर और मरम्मत कराने का अशवासन दे रहा है। ब्लाक क्षेत्र में कुल 98 ग्राम पंचायतें हैं। इन ग्राम पंचायतों में लाखों की आबादी रहती है। जलजीवन मिशन के तहत कई गाँवो में पानी की टंकिया भी बनाई जा रही है। लेकिन इसका लाभ अभी ग्रामीणों को नहीं मिल रहा है। बड़ीआबादी हैंडपंप या निजी स्रोतों से पेयजल पर निर्भर है। एडीओ पंचायत के मुताबिक क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में 9046 इंडिया मार्का हैंड पंप लगे हैं। उनका कहना है कि ज्यादातर हैण्डपम्प की मरम्मत कराई जा रही है। जबकि हकीकत में हर गांव में तमाम हैंडपंप खराब पड़े हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अधिकांश हैंडपंप रीबोर कराने के लायक है। कुछ हैंण्डपपों के चबूतरे तक नहीं बनाए गए हैं। एडीओ पंचायत सतीश चंद्र तिवारी ने बताया इस वित्तीय वर्ष में 354 हैण्डपंप रिबोर कराए गए है। कई दर्जन हैंड पंप को रीबोर कराने के लिए अलग-अलग गांव के लोग मांग कर रहे हैं। इन्हें जल्द दुरुस्त कराया जाएगा। ग्राम पंचायत डडवा कानूनगो के पंडित पुरवा मैं लगा खराब है। गांव के लोगो का कहना है कि ठीक कराने के लिए प्रधान से कहा गया है। पाण्डेयपुर के पास लगा हैंडपंप खराब होने से राहगीरों को पेयजल की समस्या हो रही हैं। ग्रामीणों का कहना है कि करीब चार इंडिया खराब बताए जा रहे हैं। वहीं सीहागांव ग्राम पंचायत में लगे इंडिया मार्का हैंड पंप से करीब सालभर से गन्दा पानी निकल रहा है। जिसकी शिकायत ओमकार नाथ मिश्र ने अधिकारियों से कई बार की है।उनका कहना है कि हैंड पंप रीबोर कराने के लिए कई बार अफसरों से गुहार लगाई, लेकिन स्थिति जस की तस है। हम लोग निजी स्रोतों से पीने के पानी पर निर्भर है। वहीं अन्य ग्राम पंचायतों में इसी प्रकार हैंडपंपों की समस्या बनी हुई है और ग्रामीण पीने के पानी के लिए परेशान रहते हैं!
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