रजनीश / ज्ञान प्रकाश
करनैलगंज(गोंडा)। चोरी, छिनैती, मार्ग दुर्घटना के मामलों में बरामद किए गए करीब 100 से अधिक वाहन कोतवाली परिसर में खुलेआम सड़ रहे हैं। जिनका कोई पुरसाहाल नहीं है। कोतवाली करनैलगंज अंग्रेजों के तोपखाने में संचालित हो रही है। मात्र एक कमरे का कार्यालय और उसी कमरे में जुड़ा हुआ हवालात है। प्रभारी निरीक्षक के बैठने के लिए गोलंबर बना हुआ है। बाकी आरक्षियों व पुलिस कर्मियों के लिए आवास बने हुए हैं। उसके बावजूद करीब तीन दर्जन आरक्षी जिनके रहने का कोई साधन कोतवाली में नहीं है और वह बाहर किराए पर रह रहे हैं। वहीं कोतवाली परिसर में जगह अभाव के बावजूद विभिन्न मामलों में बरामद की गई सबसे अधिक मोटरसाइकिल व दो दर्जन से अधिक चार पहिया वाहन कोतवाली के आसपास खड़े किए गए हैं जो सुरक्षित तो है मगर धूप या बरसात में सुरक्षित नहीं है और वह सभी वाहन परिसर में खड़े खड़े सड़ रहे हैं। विभाग लावारिस या निस्तारित मुकदमों के वाहनों को नीलाम कराने में लापरवाह साबित हो रहा है। इस संबंध में प्रभारी निरीक्षक सुधीर कुमार सिंह का कहना है कि करीब 2 वर्ष पूर्व वाहनों की नीलामी कराई गई थी जो वाहन मुकदमे से संबंधित है उन्हें खड़ा किया गया है वाहनों के खड़ा करने के लिए कोई भवन कोतवाली में नहीं है फिर भी उनकी देखरेख व सुरक्षा कराई जाती है।
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