मो सुलेमान
गोण्डा:आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र मनकापुर गोंडा में आज दिनांक 23 फरवरी 2023 को मैटिक्स फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लिमिटेड के द्वारा किसान गोष्ठी आयोजित की गई । किसान गोष्ठी का शुभारंभ मुख्य अतिथि डॉ. पीके मिश्रा प्रभारी अधिकारी कृषि विज्ञान केंद्र मनकापुर गोंडा द्वारा किया गया । उन्होंने कृषकों से फसलों में संतुलित उर्वरकों के प्रयोग का आह्वान किया । मृदा परीक्षण की संस्तुति के आधार पर उर्वरकों के प्रयोग की सलाह दी । संतुलित उर्वरक में नत्रजन, फास्फोरस, पोटाश एवं आवश्यकतानुसार सूक्ष्म पोषक तत्वों का प्रयोग किया जाता है । अंधाधुन्ध रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग से मृदा का स्वास्थ्य खराब हो रहा है । साथ ही पर्यावरण के साथ भूगर्भ जल भी प्रदूषित हो रहा है । पर्यावरण के साथ मानव स्वास्थ्य व पशु स्वास्थ्य को बचाने की नितांत आवश्यकता है । डॉ. रामलखन सिंह वरिष्ठ वैज्ञानिक शस्य विज्ञान ने फसलों में सूक्ष्म पोषक तत्वों के प्रयोग को आवश्यक बताया । सूक्ष्म पोषक तत्वों में लोहा जिंक मैग्नीज तांबा आदि बहुत महत्वपूर्ण है । इनकी कमी होने पर पौधों का विकास अच्छा नहीं होता है । उन्होंने प्राकृतिक खेती के लिए देशी गाय के पालन पर बल दिया । एक देशी गाय के एक ग्राम गोबर में 300 से 500 करोड़ सूक्ष्म जीवाणु पाए जाते हैं । देशी गाय के उत्पादों गाय का गोबर, गोमूत्र एवं छांछ का प्रयोग कर खेती को समृद्ध बनाया जा सकता है तथा भरपूर उपज प्राप्त की जा सकती है । जीवामृत, घन जीवामृत, बीजामृत, नीमास्त्र ब्रह्मास्त्र आदि बनाने की विधि एवं प्रयोग विधि, मोटे अनाजों की खेती तथा फसल अवशेष प्रबंधन की जानकारी दी । मैटिक्स फर्टिलाइजर एंड एवं केमिकल के क्षेत्रीय प्रबंधक एपी सिंह ने कंपनी के उत्पादों माइक्रोन्यूट्रिएंट्स एवं जिंक सल्फेट के प्रयोग की जानकारी दी । डॉ. मनीष कुमार मौर्य फसल सुरक्षा वैज्ञानिक ने खाद एवं उर्वरकों के अंधाधुंध प्रयोग के कारण फसलों में होने वाली बीमारियों की जानकारी दी । उन्होंने बताया कि संतुलित उर्वरकों के प्रयोग से फसल का विकास अच्छा होता है । डॉक्टर मोर्य ने उर्द एवं मूंग की फसल में बीज शोधन एवं बीज उपचार, दलहनी फसलों में उकठा रोग की पहचान एवं प्रबंधन की जानकारी दी । डॉक्टर दिनेश कुमार पांडेय ने असली एवं नकली उर्वरकों की पहचान के बारे में जानकारी दी । उन्होंने बताया कि फास्फेटिक उर्वरकों का प्रयोग खेत की तैयारी करते समय या बुवाई करते समय करना चाहिए । डीएपी एवं जिंक सल्फेट को एक साथ मिलाकर कदापि प्रयोग न करें । इस अवसर पर राजकुमार अग्रवाल डीलर, अश्वनी सिंह सहायक प्रबंधक लखनऊ एवं संदीप सिंह सहायक प्रबंधक मैटिक्स फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लिमिटेड सहित प्रगतिशील कृषकों सेवानिवृत्त कर्नल विजय बहादुर त्रिपाठी, विनय कुमार सिंह, रामसागर वर्मा, शिवशंकर वर्मा, मेलाराम यादव, रोहित कुमार यादव, रतीभान, सुदर्शन मिश्रा आदि ने प्रतिभाग कर खेती की तकनीकी जानकारी प्राप्त की । मैटिक्स फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स कंपनी लिमिटेड द्वारा उपस्थित कृषकों को आम प्रजाति दशहरी के निशुल्क पौधे वितरित किए गए । इस अवसर पर मैटिक्स फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लिमिटेड द्वारा कृषि विज्ञान केंद्र के प्रांगण में अशोक के पौधों का रोपण भी किया गया ।
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