उमेश तिवारी
काठमांडू / नेपाल:वैसे तो सदियों से भारत और नेपाल के बीच रोटी-बेटी का संबंध रहा है, लेकिन चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से प्रभावित कई नेपाली नेताओं ने मौका मिलने पर इन पारंपरिक संबंधों में खाईं बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। खुद को चीन का मुरीद दिखाने के लिए कई बार नेपाल के पूर्व नेताओं ने ड्रैगन के बताए रास्ते पर चलकर पुरातन संबंधों में रार पैदा कर दी। मगर भारत हमेशा नेपाल को मित्र और अपना भाई मानकर उसकी मदद करता रहा। वहीं दूसरी तरफ शातिर चीन ने नेपाल की मदद के नाम पर हमेशा अपना फायदा देखा और भारत के खिलाफ नेपाल के दिल में नफरत फैलाने का प्रयास भी करता रहा। चीन की यह कोशिश तो खैर अब भी जारी है, लेकिन भारत हमेशा नफरत को मिटाने के लिए मोहब्बत बढ़ाने का पक्षधर रहा है।
देश कोई भी हो मानवता की मदद के लिए भारत हमेशा आगे रहता है। इसे कई बार दुनिया ने अपनी आंखों से देखा भी है। हाल ही में चाहे तुर्की और सीरिया में भूकंप पीड़ितों का मामला रहा हो या फिर श्रीलंका में आर्थिक तबाही से तंग लोगों की मदद करने का, भारत यूक्रेन और अफगानिस्तान में भी मानवता की जो मदद की है, उसे दुनिया कभी भूल नहीं सकेगी। नेपाल में जबसे पुष्प कमल दहाल उर्फ प्रचंड प्रधानमंत्री बने हैं, तब से चीन फिर से उसे भारत के खिलाफ भड़काने की कोशिशों में लगा है।
भारत ने नेपाल को दी 200 डायलिसिस मशीनें
भारत ड्रैगन के नफरती खेल को हमेशा प्रेम और भाईचारे की भावना से मात दे रहा है। भारत अपने पड़ोसी नेपाल की हमेशा मदद करता आया है। हाल ही में भारत ने नेपाल में किडनी रोगियों की मदद के लिए बड़ा दिल दिखाया है। सरकार ने नेपाल को करीब 200 डायलिसिस मशीनें देने का ऐलान किया है। पहली खेप के तौर पर आज नेपाल को 20 डायलिसिस मशीनें सौंप दी गई हैं। इससे नेपाल के किडनी मरीजों को स्वस्थ करने में मदद मिलेगी। भारत नेपाल के बुनियादी स्वास्थ्य के ढांचे को सुधारने का प्रयास कर रहा है। नेपाल में भारत के राजदूत नवीन श्रीवास्तव ने भारत सरकार और भारत की जनता की ओर से काठमांडू में एक कार्यक्रम के दौरान वहां के स्वास्थ्य एवं जनसंख्या मंत्री पदम गिरि को डायलिसिस मशीनें सौंप दी हैं।
चीन का लिवर हुआ खराब
भारत द्वारा नेपाल के किडनी रोगियों को डायलिसिस उपलब्ध कराए जाने से चीन का लिवर खराब होना शुरू हो गया है। चीन को इस बात की चिंता सताने के लगी है कि कहीं नेपाल और भारत के पुराने संबंध फिर से बहाल न हो जाएं। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी नेपाल के पीएम प्रचंड पर पहले से ही डोरे डाल रही है। चीन ने प्रचंड को पहले अपने देश आने का निमंत्रण भी दिया था, लेकिन उन्होंने बतौर प्रधानमंत्री पहले अपने सबसे अच्छे पड़ोसी भारत का इसके लिए चुनाव किया है। नेपाल के सरकारी सूत्रों के अनुसार पुष्प कमल दहाल उर्फ प्रचंड जल्द ही भारत की यात्रा पर आने वाले हैं। उनका कार्यक्रम विदेश मंत्रालय द्वारा तय किया जा रहा है। यह बात भी चीन को निश्चित ही अच्छी नहीं लग रही होगी। वहीं नेपाल को डायलिसिस मशीनें देने के बाद भारत के राजदूत नवीन श्रीवास्तव ने कहा कि भारत आरंभ से ही नेपाल के विकास में मददगार रहा है।
नेपाल ने अदा किया शुक्रिया
नेपाल भारत का अच्छा मित्र है। भारत और नेपाल कई क्षेत्रों में मिलकर काम कर रहे हैं। स्वास्थ्य उनमें प्रमुख क्षेत्र है। नेपाल के स्वास्थ्य मंत्री पदम गिरि ने सहायता के लिए भारत सरकार को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि भारत की इस मदद से नेपाल में बुनियादी ढांचे के विकास को गति मिलेगी। ‘पड़ोसी पहले’ की नीति के तहत भारत 2015 में आए भूकंप और उसके बाद कोविड-19 महामारी व स्वास्थ्य सहित विभिन्न क्षेत्रों में नेपाल की मदद कर रहा है। मंत्री ने कहा कि हमें इसके लिए भारत का कृतज्ञ होना चाहिए।
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