उमेश तिवारी
काठमांडू / नेपाल:देश के विभिन्न हिस्सों में यह विरोध फैल गया है, जो चीन में प्रदर्शन की शक्ति में एक नए सिरे से विश्वास पैदा करता है। पिछले साल के अंत में जीरो कोविड पालिसी के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे।
चीन में रिटायर्ड लोग अपने चिकित्सा लाभों में कटौती के विरोध में एक बार फिर सड़कों पर उतर आए हैं। बीबीसी ने बताया कि यह प्रदर्शन वुहान में हो रहा है, जहां पहली बार कोविड-19 का मामला सामने आया था। इसके अलावा उत्तर-पूर्वी शहर डालियान में भी लोग सड़कों पर उतरे हैं।
बीबीसी ने बताया कि सात दिनों में यह दूसरे दौर का विरोध प्रदर्शन है। राष्ट्रपति शी जिनपिंग के प्रशासन पर इसको लेकर दबाव बढ़ गया है। रिपोर्ट के मुताबिक सोशल मीडिया फुटेज में प्रदर्शनकारी, जिसमें बड़े पैमाने पर रिटायर्ड लोग शामिल है, यह कहते हुए सुने जा सकते हैं कि यह कटौती ऐसे समय में की गई है, जब स्वास्थ्य देखभाल की लागत काफी बढ़ गई है।
पहली बार 8 फरवरी को हुए प्रदर्शन
8 फरवरी को पहली बार वुहान में विरोध प्रदर्शन हुए थे जब प्रांतीय अधिकारियों ने कहा कि वे चिकित्सा खर्चे के स्तर में कटौती कर रहे हैं, जिसे रिटायर्ड लोग सरकार से बाद में वापस ले सकते हैं।
इस तरह के स्वास्थ्य बीमा मामलों को चीन में प्रांतीय स्तर पर नियंत्रित किया जाता है, फिर भी देश के विभिन्न हिस्सों में यह विरोध फैल गया है, जो चीन में प्रदर्शन की शक्ति में एक नए सिरे से विश्वास पैदा करता है।
जीरो-कोविड पॉलिसी के खिलाफ हुए थे बड़े स्तर पर प्रदर्शन
पिछले साल के अंत में, हजारों युवा चीनी विरोध प्रदर्शनों में शामिल हुए, जिसने अंतत: सरकार को अपने सख्त शून्य-कोविड नीति को पलटने के लिए मजबूर होना पड़ा। लोग बड़े पैमाने पर परीक्षण और अचानक व्यापक लाकडाउन से परेशान हो गए थे।
रिटायर्ड लोगों के लिए स्वास्थ्य लाभ में बदलाव, जिसे अधिकारियों ने आर्थिक सुधार कहा है, ऐसे समय में आया है जब चीन क्रूर कोविड लहर से उबर रहा है।
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