अखिलेश्वर तिवारी
बलरामपुर:हिंद मजदूर सभा उत्तर प्रदेश के प्रदेश व्यापी धरना प्रदर्शन के आवाहन पर 14 फरवरी को बलरामपुर, गोंडा व श्रावस्ती मे हिंद मजदूर सभा से संबंध मजदूर संगठनों के प्रतिनिधियों ने देवीपाटन मंडल के उप श्रम आयुक्त कार्यालय पर कर्मचारियों की विभिन्न मांगों को लेकर जोरदार धरना प्रदर्शन किया ।
हिंद मजदूर सभा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष शिव गोपाल मिश्रा व महामंत्री उमाशंकर मिश्रा के नेतृत्व में पूरे प्रदेश के क्षेत्रीय उप श्रमायुक्त तथा अपर श्रम आयुक्त कार्यालयों पर धरना प्रदर्शन किया गया । देवीपाटन मंडल के उप श्रमायुक्त कार्यालय पर भी बलरामपुर चीनी मिल, बभनान चीनी मिल, मनकापुर चीनी मिल तथा अन्य चीनी मिल इकाइयों के कर्मचारियों द्वारा धरना प्रदर्शन किया गया। श्रमिक नेता अशोक कुमार ने बताया कि धरना प्रदर्शन करके ज्ञापन सौंपा गया । मांगो में प्रमुख रूप से श्रम कानूनों का कड़ाई से क्रियान्वयन, फोर लेबर कोर्ट की वापसी, पुरानी पेंशन की बहाली, नियमित कार्यों पर ठेकेदारी आउटसोर्सिंग पर रोक, रिक्त पदों को भरे जाने, श्रम न्यायालयों तथा न्यायाधिकरणो में पूर्णकालिक पीठासीन अधिकारियों की नियुक्ति सहित 13 सूत्री मांग प्रमुख रूप से शामिल हैं ।उन्होंने बताया कि हिंद मजदूर सभा के प्रदेश महामंत्री के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल उप मुख्यमंत्री, श्रम मंत्री व प्रमुख सचिव से मिलकर कई बार समस्याओं के निराकरण हेतु श्रम मंत्री की अध्यक्षता में तृर्दलीय सम्मेलन बुलाए जाने की मांग कर चुका है, परंतु मांगों पर सुनवाई नहीं की जा रही है, जिसके चलते प्रदेश में मजदूरों के बीच असंतोष बढ़ रहा है और इसीलिए प्रदेश व्यापी आंदोलन का निर्णय लिया गया है । उन्होंने बताया कि श्रम विभाग द्वारा कराए गए सर्वेक्षण की रिपोर्ट बताती है कि प्रदेश में 70 प्रतिशत मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी सहित मूलभूत अधिकार नहीं मिल पा रहा है। ठेकेदारी और आउटसोर्सिंग प्रथा आजाद भारत के मजदूरों को गुलामी के दौर से भी बदतर स्थिति में जीने को मजबूर कर रही हैं । श्रम विभाग श्रम कानूनों का पालन कराने की अपनी जिम्मेदारी के बजाय असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए विभिन्न योजनाओं के नाम पर निर्माण मजदूरों की बेहतरी के लिए उच्चतम न्यायालय के आदेश पर बने सेस के फंड की बंदरबांट में लगा है ।प्रदेश के 13 श्रम न्यायालय और औद्योगिक न्यायाधिकरण में पीठासीन अधिकारियों का पद रिक्त है, लेकिन उनकी नियुक्ति के बजाए दूसरे न्यायालयों न्यायाधिकरण के पीठासीन अधिकारियों को एक-एक न्यायालय का अतिरिक्त कार्यभार दे दिया गया है, जिसके चलते न्यायालयों का कार्यकाल हफ्ते में तीन तीन दिन मात्र रह गया है । मजदूरों के मुकदमों की सुनवाई बाधित हो रही है । प्रदेश के चीनी मिलों तथा डिस्टलरी उद्योग के कर्मचारियों के वेतन पुनरीक्षण और स्थाई आदेश की राजाज्ञा जारी हुए 8 माह से अधिक का समय चुका है परंतु आज तक प्रदेश के एक भी चीनी मिल और डिस्टिलरी उद्योग में इसका पूरी तरह लाभ मजदूरों को नहीं दिलाया गया है। इन सभी समस्याओं के निराकरण के प्रति सरकार की उपेक्षा को लेकर हिंद मजदूर सभा ने प्रदेश व्यापी आंदोलन का निर्णय लिया है, जिसके प्रथम चरण में 14 फरवरी को प्रदेश व्यापी आंदोलन उप श्रमायुक्त व अपर श्रमायुक्त कार्यालयों के समक्ष किया गया और ज्ञापन भी प्रेषित किया गया । धरना प्रदर्शन के दौरान बैरिस्टर सिंह, सुनील सिंह, सतीश यादव, चंद्रशेखर मिश्र, जयराम पासवान, महेश्वर पांडे, सांवल यादव, ह्रृदयानंद तिवारी, सुनील साही, नथुनी यादव, उमा शंकर शुक्ला व भरत यादव सहित बड़ी संख्या में श्रमिक तथा श्रमिक प्रतिनिधि मौजूद रहे ।
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