अलीम खान
अमेठी, आरआरपीजी कॉलेज अमेठी में जल बिरादरी अमेठी द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय जल विषयक सेमिनार का शुभारंभ आज मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन दुर्गा शंकर मिश्र ने दीप प्रज्वलित कर किया। सर्वप्रथम उन्होंने इस आयोजन के लिए जल बिरादरी अमेठी एवं विद्यालय प्रबंधन को धन्यवाद दिया एवं उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि माननीय प्रधानमंत्री जी ने तीन-चार साल पहले जल संकट की समस्या को देखते हुए एक घोषणा की थी कि हमें जल की एक-एक बूंद को संजोना है कहीं भी कभी भी। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में जल संकट को देखते हुए सरकार ने अनेक योजनाएं/कार्यक्रम संचालित किए हैं जिनमें अमृत सरोवर, नदियों की साफ-सफाई, चेकडैम का निर्माण एवं नदियों, तालाबों का जीर्णोद्धार सहित अनेक कार्य जल संरक्षण के लिए कराए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा जल उपयोग दक्षता को बढ़ाने एवं भूमिगत जल के दोहन को कम करने के लिए "पर ड्रॉप मोर क्रॉप" योजना संचालित की गई है जिसके अंतर्गत ड्रिप एवं स्प्रिंकलर सिंचाई संसाधनों का वितरण किया जा रहा है इससे 30 से 70% पानी की बचत के साथ-साथ लागत में कमी एवं लाभ में वृद्धि हो रही है। उन्होंने जल की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जल ही जीवन है जल के बिना जीवन संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के लिए आवश्यक है कि हम ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएं, प्लास्टिक/पॉलीथिन का प्रयोग बिल्कुल ना करें, अधिक से अधिक वर्षा जल को तालाबों में संरक्षित करें जिससे भूजल स्तर में सुधार हो सके। कार्यक्रम से पूर्व उन्होंने विद्यालय परिसर में रुद्राक्ष का पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। कार्यक्रम में मुख्य सचिव ने नेहरू युवा केंद्र के तत्वाधान में आयोजित कैच दा रेन के तृतीय चरण को लॉन्च करने के साथ ही जल दर्पण एवं पर्यावरण सुधा नामक पुस्तक का विमोचन किया। कार्यक्रम में अयोध्या मंडल अयोध्या श्री गौरव दयाल ने जल संरक्षण एवं जल के महत्व के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि हमें किस प्रकार से नदियों एवं तालाबों में पानी की उपलब्धता को सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा जल संरक्षण को लेकर अनेक योजनाएं संचालित की गई हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या मंडल में जल संरक्षण को लेकर कार्य कराए जा रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने इस आयोजन के लिए आयोजन कर्ताओं को बधाई दी। जिलाधिकारी राकेश कुमार मिश्र ने कहां की जल बिरादरी अमेठी द्वारा यह आयोजन जिले में कराया रहा है यह हमारे जनपद के लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि अमेठी में विशेष रूप से जल संरक्षण को लेकर कार्य कराए जा रहे हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि शासन द्वारा 1.50 करोड़ की धनराशि प्राप्त हुई है जिससे चेकडैम बनाने का कार्य कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शासन के निर्देश पर जल संरक्षण को लेकर प्रत्येक ग्राम में मनरेगा योजनान्तर्गत अमृत सरोवर का निर्माण कराया जा रहा है जिससे अधिक से अधिक वर्षा जल संचयन किया जा सके। इसके अतिरिक्त कार्यक्रम को पूर्व केंद्रीय मंत्री भारत सरकार डॉक्टर संजय सिंह, अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष विश्व बाढ़-सुखाड़ जन आयोग डॉ राजेंद्र सिंह, पद्मा श्री उमा शंकर पांडे, कुलपति स्वामी केशवानंद कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर राजस्थान के प्रोफेसर अरुण कुमार सिंह, पूर्व प्राचार्य एमडीपीजी कॉलेज प्रतापगढ़ के प्रोफेसर जे पी मिश्र, आरआरपीजी कॉलेज अमेठी के प्राचार्य प्रोफेसर पीके श्रीवास्तव एवं अर्जुन पांडेय जल बिरादरी अमेठी ने संबोधित किया। कार्यक्रम में प्रतिभाग करने से पूर्व मुख्य सचिव ने नगरपालिका जायस स्थित मलिक मोहम्मद जायसी शोध संस्थान तथा जायसी तपोस्थली का स्थलीय निरीक्षण किया तथा तालाब एवं परिसर की साफ-सफाई तथा रखरखाव का उचित प्रबंध करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक डॉ. इलामारन जी, मुख्य विकास अधिकारी छाबड़ा, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व एके सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक हरेंद्र सिंह, उपजिलाधिकारी अमेठी प्रीति तिवारी, तिलोई, फाल्गुनी सिंह, गौरीगंज राकेश कुमार, जिला विकास अधिकारी तेजभान सिंह, उपनिदेशक नेहरू युवा केंद्र आराधना राज, उपायुक्त उद्योग राजीव कुमार पाठक, डीसी एनआरएलएम सुनील तिवारी सहित अन्य संबंधित अधिकारी व भारी संख्या में छात्र-छात्राएं, नेहरू युवा केंद्र के वॉलिंटियर मौजूद रहे।
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