उत्तर प्रदेश पुलिस के लिए सोसल मीडिया के प्रयोग को लेकर कड़े निर्देश जारी करते हुए डीजीपी देवेंद्र सिंह चौहान ने 41 नियमों को लागू कर दिया गया है ,जिसे अब यूपी पुलिस को पूर्ण रूप से पालन करना होगा।
अब महंगा पड़ सकता है सोशल मीडिया
बता दे कि सोशल मीडिया का विश्व में बढ़ रहे लोकप्रियता के चपेट में हर कोई आ रहा है। आम नागरिकों के साथ पुलिस व अधिकारी भी सोशल मीडिया में बढ़ चढ़ कर भागीदारी निभा रहे है। इसी बीच यूपी पुलिस के लिए तमाम गाइडलाइन जारी कर दिए गए हैं । सीधे तौर पर कहा जाए तो ड्यूटी के दौरान पुलिस कर्मियों को सोशल मीडिया पर एक्टिव रहना भारी पड़ सकता है। यानी कि पुलिसकर्मी ड्यूटी के दौरान यूट्यूब, फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम या अन्य सोशल मीडिया का इस्तेमाल पर लगाम लग सकती है।
जारी किए गए दिशा निर्देश में जारी किए गए है जो निम्नवत है।
ड्यूटी के दौरान कोई भी पुलिसकर्मी सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं करेगा।
ड्यूटी के दौरान कोई भी पुलिसकर्मी पुलिस की वर्दी में लाइव टेलीकास्ट या रील नहीं बना सकता।
कोई भी पुलिसकर्मी खाकी वर्दी में कैसी भी वीडियो अपलोड नहीं करेगा खास तौर पर जिससे सरकार या पुलिस की छवि खराब हो।
खुद की वाहवाही लूटने के लिए पुलिस वाले अब अपनी वीडियो नहीं बना सकते।
इसके अलावा जनसुनवाई का लाइव प्रसारण भी नहीं कर सकते, अगर कोई भी पुलिसकर्मी किसी भी समस्या का निस्तारण करता है तो वह उस समस्या का निस्तारण करते हुए का वीडियो भी सोशल मीडिया पर अपलोड नहीं कर सकता
उत्तर प्रदेश में कोई भी पुलिस कर्मी विवादित ग्रुप ज्वाइन नहीं करेगा।
सोशल मीडिया के किसी भी अकाउंट पर प्रोफेशनल डीपी का ही इस्तेमाल कर सकते हैं।
वर्दी पहन के फोटो नहीं खिंचवा सकते और ना ही सोशल मीडिया पर अपलोड कर सकते हैं।
वरिष्ठ अधिकारी या किसी के कहने पर कमेंट भी नहीं कर सकते।
यूपी में तैनात सभी पुलिसकर्मियों को हथियारों के प्रदर्शन करने पर पूर्णतया प्रतिबंध लगा दिया गया है।
इसके अलावा अन्य तमाम सोशल मीडिया से संबंधित प्रतिबंधों का पालन अब यूपी पुलिस को करना होगा।
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