बागीश कुमार तिवारी
गोंडा जनपद स्तरीय समाधान दिवस में अध्यक्षा करने पहुंचे जिलाधिकारी गोंडा शायद भूल गए अपने दायित्व को और अपनी समस्या को लेकर पहुंचे दिव्यांग की समस्या का निस्तारण ना कराते हुए प्रार्थना पत्र को ठंडे बस्ते में डाल दिया।
विद्युत विभाग के कारस्तानी से परेशान होकर लगातार एक वर्ष से समस्या ग्रसित दिव्यांग अजय कुमार पुत्र गिरधारी निवासी मनकापुर वैशाखी के बल पर भले ही जनपद के मुखिया के पास इस आशा के साथ पहुंचा हो कि न्याय मिलेगा।लेकिन सारी उम्मीदें ताख पर ही रखी रह गई और एक ढाक के तीन पात की कहावत पर एक दिव्यांग की शिकायत को समाधान दिवस की अध्यक्षता कर रहे।
जिलाधिकारी ने भी गंभीरता से नहीं ली और ठंडे बस्ते में डाल दिया। बाहर निकल कर दिव्यांग संवाददाता से रूबरू होते हुए बताया कि ग्यारह महीने में बिजली बिल जमा होने के बावजूद 14000 फिर एकाएक 24000 हो गया।
जबकि मेरे द्वारा बिजली का बकाया का पूर्व में ही जमा कर दिया गया था।जिसकी रसीद भी मेरे पास है। उसके बावजूद भी घर पर 35000 से अधिक की वसूली नोटिस बार-बार जा रही है। जिसको लेकर विद्युत विभाग के स्थानीय कार्यालय मनकापुर में कई बार गुहार लगाई लेकिन समस्या का निस्तारण नहीं हुआ।
जिससे थक हार कर बड़ी उम्मीद के साथ समाधान दिवस में जिलाधिकारी गोंडा उज्जवल कुमार के समक्ष पेश हुआ था। लेकिन कोई आश्वासन नहीं मिला जबकि शासन प्रशासन द्वारा यह सख्त निर्देश है।कि दिव्यांग व वृद्धों की देख रेख जिलाधिकारी द्वारा किया जाना चाहिए।
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ