गोण्डा:आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र मनकापुर गोंडा में सबमिशन ऑन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन आत्मा योजना अंतर्गत कृषि उप संभाग उतरौला के गैंडास बुजुर्ग एवं श्रीदत्तगंज विकासखंड के कृषकों का एक -एक दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न हुआ । प्रशिक्षण में डॉक्टर पीके मिश्रा प्रभारी अधिकारी कृषि विज्ञान केंद्र मनकापुर गोंडा ने कृषकों से मोटे अनाज की खेती करने का आह्वान किया । उन्होंने बताया कि मोटे अनाज स्वास्थ्य एवं पोषण की दृष्टि से बहुत लाभदायक है । वर्ष 2023 अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है । मोटे अनाजों में ज्वार, बाजरा, रागी, कोदों, सावां, कंगनी, कुटकी तथा चीना की खेती सीमित संसाधनों में तथा कम लागत में की जा सकती है । इन अनाजों का बाजार मूल्य अधिक मिलने के कारण ज्यादा लाभ कमाया जा सकता है । डॉक्टर रामलखन सिंह वरिष्ठ वैज्ञानिक शस्य विज्ञान ने ज्वार बाजरा कोदों, सावां, रागी, कंगनी कुटकी तथा चीना की उत्पादन तकनीक की जानकारी दी । उन्होंने प्राकृतिक खेती, फसल अवशेष प्रबंधन, गेहूं में खरपतवार सिंचाई एवं उर्वरक प्रबंधन, दलहनी तिलहनी फसलों में गंधक प्रयोग आदि की जानकारी दी । डॉक्टर मनोज कुमार सिंह उद्यान वैज्ञानिक ने पुराने बागों का जीर्णोद्धार, फल व सब्जी पौधशाला उत्पादन तकनीक, बागों में हल्दी एवं अदरक की खेती, डॉ मनीष कुमार मौर्य ने एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन, रबी फसलों में कीट एवं रोग प्रबंध, जैविक विधि से कीट एवं रोगों का प्रबंधन, बीज शोधन एवं बीज उपचार आदि की जानकारी दी । डॉक्टर दिनेश कुमार पांडेय ने आम एवं अमरूद की सघन बागवानी, आम आवला नींबू आदि फलों के परिरक्षण की जानकारी दी । अनुराग वर्मा सहायक कृषि विकास अधिकारी गैंडास बुजुर्ग, कृष्ण गोपाल सहायक कृषि विकास अधिकारी श्रीदत्तगंज ने कृषि विभाग की संचालित योजनाओं प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, कुसुम योजना आदि की जानकारी दी । इस इस अवसर पर विकासखंड गैंडास बुजुर्ग के रामजीवन लाल बीटीएम, प्राविधिक सहायकों बृजेश कुमार हरिराम, सुमित तथा संतोष कुमार एवं दुर्गेश कुमार एटीएम सहित प्रगतिशील कृषकों किफायतुल्लाह रामबरन राम अवध आदि तथा श्रीदत्तगंज विकासखंड के अरविंद कुमार बीटीएम, प्राविधिक सहायकों अमित कुमार, हर्षिता मिश्रा, पंकज सिंह, काजल कुमारी चौहान तथा कमलेश सिंह एवं सुरेंद्र चौधरी एटीएम सहित प्रगतिशील कृषकों कन्हैयालाल अशर्फीलाल आदि ने प्रतिभाग कर खेती की तकनीकी जानकारी प्राप्त की ।
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