रजनीश / ज्ञान प्रकाश
करनैलगंज(गोंडा)। अब किसी भी प्रकार के विवाद यदि न्यायालय में विचाराधीन है तो उन प्रकरणों में प्रशासनिक हस्तक्षेप नहीं होगा।
जिसके संबंध में मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन के निर्देश पर उपजिलाधिकारी हीरालाल ने इसकी जानकारी लिखित रूप से बार एसोसिएशन, तहसीलदार करनैलगंज व सभी नायब तहसीलदारों व राजस्व निरीक्षकों को देते हुए लिखा है कि निजी पक्षकारों के मध्य अचल संपत्ति के ऐसे प्रकरण जिनका वाद सक्षम न्यायालय में विचाराधीन है या न्यायालयों द्वारा अंतरिम आदेश पारित किए गए हैं।
उसमे किसी प्रकार का प्रशासनिक हस्तक्षेप न किया जाए। साथ ही यह भी निर्देश दिए गए हैं कि सक्षम न्यायालय में वाद विचाराधीन न होने की दशा में यदि कानून व्यवस्था के आलोक में कहीं हस्तक्षेप करने की आवश्यकता पड़ती है तो उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता या दंड प्रक्रिया संहिता एवं अन्य संबंधित संगत अधिनियम द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए संयमित हस्तक्षेप किया जाए।
ऐसे में जिन मामलों में किसी न्यायालय पर मुकदमा विचाराधीन है उन मुकदमों में तहसील स्तर से कोई भी आदेश पारित नहीं होंगे।
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