उमेश तिवारी
महराजगंज:भारत नेपाल सीमा की सुरक्षा में लगी SSB की पेट्रोलिंग को और सुगम बनाने के लिए गृह मंत्रालय के आदेश पर पूरी सीमा के समानांतर सड़क बनाई जानी है। अन्य जनपदों में इस सड़क का निर्माण कार्य काफी हद तक हो चुका है लेकिन पीलीभीत जिले में इस सड़क के निर्माण में सालों से एक अड़ंगा लगा था। इस सड़क के निर्माण कार्य में पीलीभीत टाइगर रिजर्व की वन भूमि अड़ंगा बनी थी। हाल ही शासन के निर्देश पर पीलीभीत डीएम की अध्यक्षता में दोबारा बैठक बुलाई गई, जिसमें सभी बिंदुओं पर चर्चा के बाद अधिकारियों के बीच सहमति बन गई।
भारत नेपाल की सीमा एक खुली सीमा है। ऐसे में बार्डर की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल रही SSB की जिम्मेदरियां और बढ़ जाती हैं। सीमा पर होने वाले अपराधों व अवैध तस्करी को रोकने के लिए SSB को पेट्रोलिंग कर निगरानी करनी होती है। इसी के मद्देनजर 2016 में गृह मंत्रालय ने पूरी सीमा पर तकरीबन छह सौ किलोमीटर लंबी सड़क बनाने को मंजूरी दी थी। पीलीभीत से भी पड़ोसी देश नेपाल की सीमा सटी है। ऐसे में सड़क का तकरीबन 12 किमी हिस्सा पीलीभीत से होकर भी गुजरना है।लेकिन सड़क के लिए एनओसी नहीं मिल पा रही थी।
दरअसल सड़क के रास्ते में हजारों पेड़ आ रहे हैं, जिसको लेकर पीलीभीत टाइगर रिजर्व के अधिकारियों की ओर से इस सड़क के लिए एनओसी मिलना मुश्किल हो रहा था। अब पीलीभीत टाइगर के अधिकारियों ने सहमति देकर अपनी रिपोर्ट राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) को सौंप दी है। ऐसे में NTCA की मंजूरी मिलने के बाद अधिकारी सड़क निर्माण का कार्य जल्द से जल्द शुरू होने की उम्मीद जता रहे हैं। पूरे मामले पर अधिक जानकारी देते हुए इंडो नेपाल बार्डर रोड के AE राजेश जोशी ने बताया DM की अध्यक्षता में बैठक के बाद टाइगर रिजर्व के अधिकारियों ने सहमति दे दी है।उम्मीद है NTCA की मंजूरी मिलने के बाद जल्द से जल्द निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।
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