वेदव्यास त्रिपाठी
प्रतापगढ़ के सांसद संगम लाल गुप्ता ने प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का नाम परिवर्तित करने की मांग की है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ जिसे स्थानीय मान्यता के अनुसार त्रेता युग में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने बतौर अयोध्या नरेश श्री लक्ष्मण को भेंट दिया था और उसी कारण उसका नाम लखनपुर और लक्ष्मणपुर रखा गया था किंतु कालांतर में 18वीं सदी में नवाब आसफुद्दौला ने उसका नाम परिवर्तित कर लखनऊ रख दिया था और उसी परंपरा में लखनऊ चला रहा है।यहां यह उल्लेखनीय है कि शानदार सांस्कृतिक विरासत के समृद्ध देश में आज हमारी भावी पीढ़ी को अमृत कालखंड में भी लखनऊ के नवाबों की विलासिता और निकम्मेपन की कहानियां सुनाकर उन्हें गुलामी का संकेत देना बिल्कुल ही अनुचित प्रतीत होता है और निकम्मेपन और विलासिता पूर्ण जीवन शैली के कारण ही लॉर्ड डलहौजी ने अवध का अधिग्रहण कर ब्रिटिश साम्राज्य में मिला लिया था और नवाब वाजिद अली शाह ने ब्रिटिश अधीनता स्वीकार कर ली थी।अतएव जब देश अमृत कालखंड में प्रवेश कर चुका है तो गुलामी और विलासिता के प्रतीक लखनऊ के नाम को परिवर्तित कर भारत के शानदार सांस्कृतिक विरासत, गौरव, समृद्धि, मर्यादा तथा पौरुष के प्रतीक लखनपुर या लक्ष्मणपुर नाम से कराए जाने की कृपा करें।
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